गिरती जन्म दर से बढ़ती जापान की चिंता

punjabkesari.in Wednesday, Jan 11, 2023 - 06:04 AM (IST)

हाल ही में जापान सरकार ने घोषणा की है कि जो परिवार राजधानी टोक्यो से बाहर रहना पसंद करेंगे, उन्हें प्रति बच्चा दस लाख येन दिए जाएंगे। पहले यह राशि 3 लाख येन थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जापान में 65 से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और बच्चे कम हो रहे हैं। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही। 

नई वित्तीय प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य लोगों को उन क्षेत्रों में जाने के लिए प्रोत्साहित करना है जहां जन्म दर गिर रही है और जनसंख्या बूढ़ी हो रही है। जापान के ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से जनसंख्या में कमी देखी गई है क्योंकि युवा बेहतर अवसरों के लिए शहरों में चले जाते हैं। यह योजना उन परिवारों के लिए बढ़ी हुई वित्तीय सहायता की भी अनुमति देती है जिनके एक से अधिक बच्चे हैं। जापानी माता-पिता से कहा गया है कि वे स्थानांतरित होने के कम से कम पांच साल तक वहां रहने की घोषणा करें। अगर वे पांच साल तक उस जगह नहीं रहते हैं तो उनसे पैसे लौटाने को कहा जा सकता है। 

जापान की कुल जनसंख्या लगभग 12.70 करोड़ है और इसमें से 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या 3.41 करोड़ है, जो कुल जनसंख्या का लगभग 27 प्रतिशत है। अनुमान है कि 2050 तक जापान की करीब 36 फीसदी आबादी बूढ़ी हो जाएगी और साल 2060 तक यह 40 फीसदी के आंकड़े को छू सकती है। जापान में 2010 से लेकर 2015 तक के बीच 5 वर्षों में आबादी में करीब 10 लाख की कमी आई है। इसका कारण यह है कि जापान में शिशु जन्म दर में काफी गिरावट हुई है। 

जापान में 1995 में औसतन 2.82 यानी एक घर में कम से कम दो लोग रहते थे। यह औसत 2015 में घटकर 2.39 रह गई। इसके अलावा जापान में करीब 5.20 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो अकेले हैं। यह पूरी आबादी का साढ़े 32 प्रतिशत है। जापान में 32 प्रतिशत पुरुषों ने, जबकि 23 प्रतिशत महिलाओं ने शादी नहीं की। इसलिए जापान में बच्चे कम और बूढ़े ज्यादा हैं। जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कई अन्य सामाजिक परिवर्तन हुए, जिनमें से एक था जापानी महिलाओं में अधिक आयु में विवाह करने की प्रवृत्ति का बढऩा। जापानी महिलाओं का विश्वास इस ओर तेजी से बढ़ा है कि विवाह पूर्व की स्वतंत्रता एक आभासी स्वतंत्रता है और विवाह न केवल कार्य और अवकाश के बीच समय के वितरण को प्रभावित करता है, बल्कि इसमें अन्य दायित्वों का भी दबाव बढ़ता है। 

जापान में विवाह की औसत उम्र बढ़ रही है। वर्ष 1970 में यह 25 वर्ष थी और अब यह लगभग 30 वर्ष है। एक ओर जहां वर्ष 1970 में 5 प्रतिशत जापानी महिलाओं ने 35 से 39 वर्ष की आयु में विवाह नहीं किया था, वहीं वर्ष 2005 में समान आयु वर्ग की लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं ने विवाह नहीं किया था। वर्ष 2005 से कुल प्रजनन दर अपने न्यूनतम स्तर अर्थात प्रति महिला 1.26 बच्चों तक हो गई, उसके बाद कुल प्रजनन दर में धीरे-धीरे बढ़ौतरी हुई। हालांकि सरकार इसमें वर्ष 2015 तक लगभग 0.01 अंक की गिरावट की उम्मीद कर रही थी। 

हालांकि इन आंकड़ों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि महिलाओं ने कम बच्चों को जन्म दिया। अगर संभावित माताओं की संख्या घट रही है, तो निश्चित रूप से पैदा होने वाले बच्चों की कुल संख्या में भी पिछले वर्ष से कमी आएगी। दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बुजुर्गों की संख्या में बढ़ोत्तरी भी जोड़ दें, तो जन्म दर में भी गिरावट आएगी।-देवेन्द्रराज सुथार 
 


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