इमरान खान की सरकार बनने पर पाकिस्तानी खुश

punjabkesari.in Thursday, Aug 30, 2018 - 03:00 AM (IST)

हम और आप बहुत करीब हैं लेकिन कानूनी और टैक्नीकल दृष्टि से बहुत दूर। फासला सिर्फ चंद मील का है। शिक्षा के क्षेत्र में सचमुच आप हम से काफी आगे निकल गए हैं। भुवनेश्वर में कालिंगा इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस एंड टैक्नोलोजी विश्वविद्यालय है। इसी की दूसरी शाखा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसिस (के.आई.एस.एस.) तो और भी जबरदस्त संस्था है जहां उड़ीसा के गरीब कालिंग कबीलों के बच्चे-बच्चियां तेजी से के.जी. से पी.जी. अर्थात किंडरगार्टन से पोस्ट ग्रैजुएशन तक नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन प्राचीन कबीलों के रहन-सहन में भारी तबदीली आ रही है।

मुझे आपका हरा-भरा पंजाब बहुत याद आता है। जालंधर के गली-कूचे, पंजाबी के सिंगर, पाकिस्तान में पंजाबी जुबान, संस्कृति और साहित्य पर बहुत तेजी से काम हो रहा है। इस तरह दोनों पंजाब निकट आ रहे हैं। इन्हीं दिनों आपके यहां से दो दुखद समाचार आए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जी चल बसे। बहुत ही उम्दा शख्सियत थे। मुझे उनसे दो-तीन बार शिमला और आगरा में मिलने का अवसर मिला। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान हमारे प्रश्रों के बहुत तसल्लीबख्श जवाब दिए। हमारे यहां दो बार आने वाले वह पहले और आखिरी भारतीय प्रधानमंत्री थे। दक्षिणी एशिया में उनकी कमी बहुत ज्यादा महसूस की जा रही है। दूसरी उदास करने वाली खबर कुलदीप नैयर जी के देहांत की थी। उनके कॉलम पाकिस्तानी समाचारपत्रों में भी प्रकाशित होते थे। इसलिए यहां पत्रकार बिरादरी को उनके देहांत की खबर से बहुत ही दुख हुआ। 

पाकिस्तान के लोगों ने अपने एक मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी को अपना नेता चुना है। इमरान खान अब हमारे प्रधानमंत्री हैं। 10 साल से 2 पार्टियां  पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन.) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी बारी-बारी से सत्ता में आती रही थीं। 2008 से पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन.) के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ही सरकार थी। पंजाब में उनके बारे में कहा जाता था कि वह भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने कोशिशें भी कीं लेकिन उनके विरोधियों ने यह आरोप लगाया कि वह अपना निजी कारोबार बढ़ाने के लिए यह कर रहे हैं। 

प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अपने पहले भाषण में भारत से अच्छे संबंधों की इच्छा व्यक्त की है। यद्यपि कहा जाता है कि उन्हें पाकिस्तान की सेना की हिमायत हासिल है लेकिन वह स्वतंत्र विदेश नीति का निश्चय प्रकट कर रहे हैं। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी इन्हीं बातों को दोहराया है और कहा है कि विदेश नीति विदेश मंत्रालय में ही बनेगी। यह अप्रत्यक्ष रूप से उन आरोपों का जवाब था, कि पाकिस्तान की विदेश नीति और मामले पाकिस्तानी सेना तय करती है। 

पाकिस्तान तहरीक इंसाफ (पी.टी.आई.) 1996 में स्थापित हुई थी। 22 साल की लगातार कोशिशों के बाद इमरान खान प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचे हैं और ऐसे फैसले कर रहे हैं जिनसे अब पाकिस्तान की जनता खुश है। उनकी पार्टी पी.टी.आई. को पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में भी बहुमत प्राप्त हुआ है। दक्षिणी पंजाब को एक लम्बे अर्से के  बाद यह पद मिला है। पख्तूनख्वा में भी पी.टी.आई. की हुकूमत है। बलूचिस्तान की सरकार गठजोड़ वाली है। इसमें पी.टी.आई. शामिल है। सिर्फ सिंध में पी.टी.आई. विपक्ष में है। यहां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पी.पी.पी.) को बहुमत मिला है। सिंध में 10 साल से पी.पी.पी. सत्तारूढ़ है। अब सत्ता में बने रहने के लिए एक बार फिर 5 साल उसे मिल गए हैं। 

इस चुनाव की एक और खास बात यह है कि सिंध की राजधानी कराची में भारत से आए मुहाजिरों की पार्टी मुत्तहदा कौमी मूवमैंट (एम.क्यू.एम.) को 30 साल बाद पराजय मिली है। कराची में भी पी.टी.आई. बहुमत वाली पार्टी बन गई है। दिलचस्प बात यह है कि एम.क्यू.एम. को हराने वाली पी.टी.आई. को केन्द्र में सरकार बनाने के लिए एम.क्यू.एम. के विधायकों का समर्थन प्राप्त करना पड़ा जिस कारण उसे केन्द्रीय सरकार में 2 मंत्रालय मिल गए हैं। पाकिस्तान की जनता सरकार में आए  हुए परिवर्तन से खुश है क्योंकि इमरान खान का चुनाव अभियान भ्रष्टाचार के खिलाफ था। उनके संघर्ष से ही 3 बार प्रधानमंत्री बनने वाले नवाज शरीफ इस समय जेल में सजा काट रहे हैं। उनकी  बेटी और दामाद भी इसी जेल में हैं। इमरान खान ने आते ही सरकारी खर्चे कम करने शुरू कर दिए हैं।-पाकिस्तान से महमूद शाम


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Pardeep

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