फिल्म एक्टरों को केवल लोकप्रिय होने के कारण ही राजनीति में नहीं आ जाना चाहिए

punjabkesari.in Thursday, Nov 16, 2017 - 01:19 AM (IST)

‘‘मैं इस विचार का पक्षधर नहीं हूं कि रजनीकांत, कमल हासन, पवन कल्याण और उपेन्द्र जैसे अभिनेता केवल इसलिए अपनी राजनीतिक पार्टियां लांच करें कि वे एक्टर हैं। वैसे मैं इन सभी का फैन हूं।’’ ये उद्गार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रकाश राज ने रविवार के दिन व्यक्त किए थे। उन्होंने कहा कि एक्टरों को केवल इसलिए ही राजनीति में छलांग नहीं लगा देनी चाहिए कि वे लोकप्रिय हैं।

बेंगलूरू प्रैस क्लब और बेंगलूरू रिपोर्टर्स गिल्ड द्वारा आयोजित मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा: ‘‘राजनीति में एक्टर लोग तबाही ही लेकर आए हैं। उनके पास राष्ट्र को दरपेश समस्याओं पर कोई स्पष्ट फोकस नहीं है और न ही लोगों का विश्वास जीतने के लिए लेकिन जिम्मेदार नागरिक के तौर पर मैं उन्हें केवल इसलिए वोट नहीं दूंगा कि वे एक्टर हैं। जब कोई एक्टर राजनीति में छलांग लगाता है तो उसे चाहिए कि अपने घोषणा पत्र का खुलासा करे। जिसमें यह बताया गया हो कि वह देश के लोगों को दरपेश समस्याओं को किस दृष्टिकोण से देखता है। यदि वे मुझे संतुष्ट करा सकेंगे तो मैं एक्टर और इसकी पार्टी के पक्ष में वोट दूंगा। मैं केवल इसलिए उन्हें केवल वोट नहीं दे दूंगा कि अन्य पार्टियों से मेरा मोह भंग हो चुका है।’’ 

इस बहुभाषीय अभिनेता ने कहा कि वह किसी विशेष राजनीतिक विचारधारा से संबद्ध नहीं हैं और केवल अपने दिल से ही घटनाओं के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं न कि किसी प्रकार की पब्लिसिटी के लिए। उल्लेखनीय है कि सोशल एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी को लेकर उन्होंने जिस प्रकार की टिप्पणियां कीं, उससे अनेक लोगों ने उन्हें वामपंथियों का पिटु बताते हुए बुरा-भला कहा। जबकि उनका कहना है कि उनकी टिप्पणियां केवल उनकी चिंताओं की उपज हैं। उन्होंने कहा ‘‘जब लोगों ने सोशल मीडिया पर मेरे विरुद्ध निंदा अभियान चलाया तो मेरी मां, पत्नी और बच्चे इस घटनाक्रम पर बहुत व्यथित हुए थे। मैंने उन्हें बताया कि मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे उन्हें शर्म से सिर झुकाना पड़े।’’ 

प्रकाश राज ने कहा कि जल्दी ही राजनीति में कूदने की उनकी कोई योजना नहीं क्योंकि जिस फिल्मी दुनिया से मैं 3 दशक से भी अधिक समय से जुड़ा हुआ हूं, उससे दूर होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। फिलहाल मैं जो कर रहा हूं उसी का मजा ले रहा हूं, यानी कि एक्टिंग, लेखन और कृषि। जब उनसे तमिल फिल्म स्टार विजय और खुद पर हमले के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने जी.एस.टी. लागू करने के विवेक पर सवाल उठाए थे इसलिए उन पर हमला हुआ। उन्होंने कहा कि यदि वह गलत हैं तो उन पर सवाल उठाने के लिए अनेक लोकतांत्रिक मंच उपलब्ध हैं। अंत में उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उन्होंने जी.एस.टी. तथा देश में बढ़ती असहिष्णुता पर सवाल उठाए हैं उसके मद्देनजर उन ब्रांडों की विज्ञापनबाजी से उन्हें दूर हटाने के प्रयास हुए हैं जिनके लिए वह प्रचार करते हैं लेकिन मैं इस तरह के हथकंडों से डरने वाला नहीं हूं। 


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