अमित शाह ने जनमानस में ‘अमिट स्थान’ बनाया है

punjabkesari.in Thursday, Oct 22, 2020 - 03:46 AM (IST)

बिस्मार्क जैसी संगठन कुशलता, चाणक्य जैसी राजनीतिक सिद्धहस्तता तथा राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति अब्राहम ङ्क्षलकन जैसी अटूट निष्ठा से सरदार पटेल ने भारत ही नहीं विश्व के राजनीतिक इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया। 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकीकरण का निर्माण करना। वे विश्व के एकमात्र इतिहास पुरुष हैं जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का अदम्य साहस दिखाया। 

आज वही स्थान भारतीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में देश के गृहमंत्री अमित शाह का है जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में सदियों से अनसुलझी राम जन्म भूमि विवाद और दशकों से अनसुलझी धारा 370 की समस्या से देश को निर्बाध निजात दिलाई। 

अदम्य साहस,असीम शक्ति, मानवीय समस्याओं के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ जिस प्रकार स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने निर्भय होकर नवजात स्वतंत्र भारत की कठिनाइयों का समाधान अद्भुत सफलता के साथ किया और भारतीय जनमानस में अमिट स्थान बनाया, वही अमिट स्थान भारतीय जनमानस में आज गृहमंत्री के रूप में अमित शाह ने बनाया है। अद्भुत संयोग है कि भारत के इन दोनों महापुरुषों का जन्म अक्तूबर माह में हुआ और दोनों गुजरात से ही हैं। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्तूबर को और अमित शाह का जन्म 22 अक्तूबर को हुआ। 

भारतीय जनता पार्टी के अब तक के सबसे सफल अध्यक्ष और सरदार पटेल के बाद भारत के सबसे निर्णायक गृह मंत्री 56 वर्षीय अमित शाह जुलाई 2014 में मात्र 49 वर्ष की आयु में भाजपा के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उनके संगठन कौशल और कार्यक्षमता को पहचानते हुए ही भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व, तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाकर 80 सांसदों वाले उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया। भाजपा के कई अध्यक्ष हुए, सबने पार्टी को आगे बढ़ाया, सबने पार्टी का विस्तार किया। लेकिन अमित शाह के अध्यक्षीय कार्यकाल में पार्टी और विचारधारा का जो निरंतर विस्तार हुआ वह मिसाल बन गया। उन्होंने पार्टी के लिए 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा। महासंपर्क अभियान और मिस्ड कॉल सॢवस चलाई। पार्टी की सदस्य संख्या 11 करोड़ तक पहुंच गई। 

उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में एक समय ऐसा भी आया जब देश के 68 प्रतिशत भूभाग पर भाजपा और भाजपा गठबंधन की सरकार थी। एक समय था जब देश के पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा कभी सरकार में शामिल नहीं हो पाती थी। अमित शाह के अध्यक्ष रहते हुए न केवल पहली बार पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा की सरकार बनी, बल्कि ‘सप्त बहनें’ कहे जाने वाले सातों राज्यों में भाजपा सरकार में शामिल हुई। भाजपा ने पहली बार 2016 के केरल विधानसभा चुनाव में एक सीट पर विजय प्राप्त की। अमित शाह ने उत्तर भारत की राजनीतिक पार्टी कही जाने वाली भाजपा को अखिल भारतीय पार्टी बनाया। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व में एन.डी.ए. को पुन: पूर्ण बहुमत मिला।

देश के 80 प्रतिशत जिलों में भाजपा का अपना कार्यालय नहीं था। उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में ही अधिकांश जिलों में या तो अपने कार्यालय हो गए या जमीन  खरीद कर निर्माण कार्य होने लगा। केंद्रीय एवं प्रदेश कार्यालयों का आधुनिकीकरण हुआ। जिलावार पार्टी का इतिहास संकलन आरंभ हुआ। हर प्रदेश एवं जिला कार्यालय में एक ग्रंथालय निर्माण करना आवश्यक किया गया। अध्यक्ष के रूप में अमित भाई शाह ने पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकत्र्ताओं और आमजनों के साथ संपर्क कायम करने के लिए जनसंवाद कार्यक्रम शुरू किए। जुलाई 2014 में अमित भाई भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 

भारत मां और भारत  की 130 करोड़ जनता का आशीर्वाद है उन पर। भगवान की असीम कृपा है उन पर। वे शीघ्र स्वस्थ हुए। आज कुछ अराष्ट्रीय तत्व, जिन्हें भारत, भारतीय संविधान और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से प्रेम नहीं है, राष्ट्र को गुमराह करने की कोशिश करते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनके जन्मदिन पर हम भारत के नागरिकों को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनके शरीर के खून का एक-एक कतरा भारत मां को समॢपत है और जब तक जीवित हैं समॢपत रहेगा। -प्रभात झा भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News