Car Price Hike: नए साल में कार खरीदना होगा महंगा! जनवरी से बढ़ जाएंगे इन दिग्गज कंपनियों के दाम
punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 05:54 PM (IST)
नेशनल डेस्क : भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर में नए साल की शुरुआत के साथ ही कारों की कीमतों में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है। कई प्रमुख कार निर्माता कंपनियों ने जनवरी 2026 से अपनी गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी की पुष्टि की है। कंपनियों का कहना है कि कच्चे माल की कीमतों में इजाफा, लॉजिस्टिक्स की बढ़ती लागत और संचालन व्यय में वृद्धि इस कदम के प्रमुख कारण हैं। यह बदलाव मास मार्केट कारों, इलेक्ट्रिक वाहनों और लग्जरी मॉडलों सभी पर लागू होगा। आइए जानते हैं कौन-कौन सी कंपनियां कीमत में बढ़ोतरी करने वाली हैं।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया
मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने अपनी पूरी रेंज की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि इनपुट कॉस्ट और मुद्रा विनिमय संबंधी दबाव इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण हैं। यह बढ़ोतरी एंट्री-लेवल सेडान, SUVs और हाई-परफॉर्मेंस मॉडल सभी को प्रभावित करेगी। यदि आप अभी इस कंपनी की कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो साल के अंत तक बुकिंग कर सकते हैं।
निसान मोटर इंडिया
निसान मोटर इंडिया ने जनवरी 2026 से अपनी पूरी लाइनअप में लगभग 3% तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसमें Magnite जैसे लोकप्रिय मॉडल भी शामिल हैं। कंपनी ने बताया कि निर्माण और सप्लाई चेन की लागत में लगातार बढ़ोतरी के कारण यह कदम उठाया जा रहा है। हालांकि, कुछ प्रभाव को आंतरिक रूप से कम करने की कोशिश की गई है।
होंडा कार्स इंडिया
होंडा इंडिया ने भी अपनी सभी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी की पुष्टि की है। कंपनी ने इनपुट और संचालन लागत में बढ़ोतरी को इस कदम का मुख्य कारण बताया है। हालांकि, होंडा ने अभी तक कीमतों में बढ़ोतरी की सटीक दर का खुलासा नहीं किया है।
एमजी मोटर इंडिया
एमजी मोटर इंडिया कुछ चुनिंदा मॉडलों, जैसे कि Comet EV, Windsor EV और Hector रेंज, की कीमतों में लगभग 2% तक की बढ़ोतरी करेगी। कंपनी ने कहा कि कच्चे माल और लॉजिस्टिक्स की बढ़ती लागत उत्पादन खर्च को प्रभावित कर रही है, जिसके चलते कीमतों में यह समायोजन किया जा रहा है।
BYD इंडिया
BYD इंडिया ने Sealion 7 इलेक्ट्रिक SUV की कीमतों में बढ़ोतरी की पुष्टि की है। हालांकि पूरे लाइनअप में समान बढ़ोतरी नहीं की गई है। कंपनी ने कहा कि बैटरी सोर्सिंग और इंपोर्ट से जुड़ी लागतों में इजाफा इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण हैं।
