‘नशे के इंजैक्शनों से’ मर रहे युवा ‘गल गई युवती की बांह और टांग’

punjabkesari.in Friday, Mar 22, 2024 - 04:56 AM (IST)

नशे की गोली तो खाने के कुछ देर बाद असर करती है परंतु इंजैक्शन को नस में लेने से दवा तुरंत काम करती है, जिस कारण युवाओं में इंजैक्शन के माध्यम से नशा करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कुछ ऐसे नशेड़ी भी देखे गए हैं जो दर्द निवारक दवाओं को पीस कर उसे सेलाइन वाटर में मिलाकर इंजैक्शन लगाते हैं परंतु विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है। शरीर की नसें अत्यधिक महीन होने के कारण यदि इनमें कोई बड़ा पाॢटकल फंस जाए तो नस के अवरुद्ध हो जाने से सांस लेने में तकलीफ, दिल का दौरा या ब्रेन स्ट्रोक भी हो सकता है। 

नशे के आदी कुछ युवा तो प्रतिदिन तीन से चार इंजैक्शन तक लगा लेते हैं। इस बारे डाक्टरों का कहना है कि नशे के लिए बार-बार इंजैक्शन लगाने से हाथ-पैर की नसों के साथ-साथ जांघ की नसें भी पंक्चर हो जाती हैं। इंजैक्शन लगाने वाला स्थान कपड़े से ढंका होने के कारण घर वालों की नजर से बचा रहता है और स्थिति के बिगड़ने पर ही इसका पता चलता है और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। 

* 11 फरवरी, 2024 को झुंझुनू (राजस्थान) जिले में नशे के आदी एक युवक ने 4-5 नशों का मिश्रण बनाकर इंजैक्शन लगा लिया जिससे तबीयत बिगड़ने के कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। 
* अब 16 मार्च को बठिंडा (पंजाब) में एक नशेड़ी युवती का मामला सामने आया जिसकी बाजू और टांग लगातार चिट्टे के इंजैक्शन लगाने के कारण पूरी तरह गल गई थी। जब उसे इलाज के लिए ‘सहारा जनसेवा’ के स्वयंसेवक अस्पताल लेकर गए, उसके घावों में कीड़े चल रहे थे। 

यही नहीं, कुछ समय पूर्व एक नशेड़ी युवक ने अपने प्राइवेट पार्ट में ही नशे का इंजैक्शन लगा लिया जिससे हालत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई। ऐसे न जाने कितने मामले रोज होते हैं। अत: युवा पीढ़ी नशों के सेवन के कारण दूसरों के दर्दनाक अंजाम से सबक ले और नशे से तौबा करके खुशियों से भरपूर नशा मुक्त जीवन बिताए।—विजय कुमार 


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