अहिंसा के देश में आखिर इतनी हिंसा क्यों बढ़ रही है
punjabkesari.in Monday, Feb 20, 2023 - 04:16 AM (IST)

उच्च नैतिक मूल्यों के लिए विश्व प्रसिद्ध रहे हमारे देश में पिछले कुछ वर्षों से अनेक अनैतिक और अमानवीय कृत्य हो रहे हैं। गत वर्ष श्रद्धा वाल्कर केस ने देश को हिला कर रख दिया जब आफताब नामक युवक ने उसकी हत्या कर शव के कई टुकड़े कर दिए। अब 9-10 फरवरी की रात को दिल्ली के बाबा हरिदास नगर में साहिल नामक युवक द्वारा अपनी लिव इन पार्टनर निक्की यादव की गला घोंट कर हत्या करने के बाद उसकी लाश फ्रिज में छिपाने का मामला सामने आया है। इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने साहिल के अलावा उसके पिता वीरेंद्र सिंह, उसके चचेरे भाई तथा 2 दोस्तों को पूछताछ के बाद हत्या में उनकी भूमिका की पुष्टि का पता लगने के बाद गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार दोनों ने 2020 में ही शादी कर ली थी। चूंकि साहिल किसी अन्य महिला से अपनी दूसरी शादी के लिए निक्की को राजी नहीं कर सका, इसलिए उसने उसे मारने की साजिश रची और अन्य लोगों को भी इसमें शामिल कर लिया।उक्त दोनों ही हत्याकांडों ने देश में लोगों की मानसिकता को लेकर अनेक प्रश्र खड़े कर दिए हैं क्योंकि ऐसे अपराधों में समाज के पढ़े-लिखे और आर्थिक रूप से बेहतर समझने वाले लोग शामिल पाए जा रहे हैं। प्रश्र पैदा होता है कि आखिर अहिंसा के ध्वजारोही बुद्ध, महावीर के देश में हिंसा की भावना कहां से आ रही है?
क्या हमारी शिक्षा प्रणाली में कोई कमी है जिसे देखते हुए अमरीका के स्कूलों की भांति दसवीं कक्षा और कालेज में भी मनोवैज्ञानिकों द्वारा छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, चिंता स्तर, सीखने की क्षमता, भावात्मक स्थिरता आदि की जांच करने की प्रणाली अनिवार्य करने की आवश्यकता है? यह बात भी समझ से परे है कि कोई व्यक्ति किसी लड़की के साथ रहने को तैयार हो जाता है लेकिन जाति प्रथा की गहरी जड़ों के कारण उससे शादी नहीं करता। अत: प्रश्र यह भी उत्पन्न होता है कि हमारे देश में जाति प्रथा का अंत कब होगा? ऊपर से तो लोग स्वयं को बड़े पढ़े-लिखे और शालीन होने का दावा करते हैं परंतु मन के भीतर भेदभाव और ङ्क्षहसा कैसे भरी पड़ी है।
प्रश्र सिर्फ लिव इन का ही नहीं है, यदि हिंसक विचारधारा का लड़का किसी से भी शादी करेगा तो उसके वैवाहिक जीवन में भी हिंसा होगी। यही कारण है कि भारतीय दम्पतियों में हिंसा अधिक है। इसे सुधारने के लिए जहां हमें समाज में लड़कों को उनकी सीमाओं और दायित्व के प्रति शिक्षित करने की जरूरत है वहीं अमरीका की भांति ही स्कूलों और कालेजों में बच्चों और युवाओं की मनोवैज्ञानिक जांच पड़ताल अनिवार्य करना भी आवश्यक है ताकि उनकी मानसिक समस्याओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त करके उनमें व्याप्त विकारों को दूर किया जा सके। यह स्थिति समाज की विफलता और कानून का डर न रहने का परिणाम भी है।