‘जम्मू-कश्मीर में आतंकी हिंसा के विरुद्ध’ ‘पहली बार सभी दल हुए एकजुट’
punjabkesari.in Friday, Apr 25, 2025 - 05:30 AM (IST)

कश्मीर घाटी में ‘पहलगाम’ स्थित ‘बैसरन’ पर्यटन स्थल पर 22 अप्रैल को पाक प्रायोजित आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की हत्या के विरुद्ध 23 अप्रैल को सत्तारूढ़ ‘नैशनल कांफ्रैंस’, ‘पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी’, ‘पीपुल्स कांफ्रैंस’ तथा ‘अपनी पार्टी’ के अलावा जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों के सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक तथा नागरिक संगठनों के आह्वान पर बंद बुलाया गया जिसे समाज के सभी वर्गों ने समर्थन दिया। गत 35 वर्षों में पहली बार इस प्रकार के बंद का आयोजन किया गया। इस दौरान शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों के माध्यम से हमले की निंदा की गई।
इस हमले के बाद हजारों पर्यटकों ने कश्मीर छोड़ कर वापस जाना शुरू कर दिया है और घाटी पर्यटकों से खाली होने लगी है। डर के मारे पर्यटकों ने 90 प्रतिशत बुकिंग्स रद्द करवा दी हैं और घाटी में सन्नाटा छा गया है। इस पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ‘उमर अब्दुल्ला’ (नैकां) ने कहा है कि ‘‘पर्यटकों को इस तरह वापस जाते देख कर मेरा दिल टूट रहा है।’’ ‘पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी’ (पी.डी.पी.) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी इस हमले को लेकर 23 अप्रैल को देशवासियों से माफी मांगी तथा कहा, ‘‘यह हमला मासूम पर्यटकों पर ही नहीं बल्कि ‘कश्मीरियत’ पर भी था।’’
श्रीनगर में ‘महबूबा’ के नेतृत्व में विरोध मार्च निकाला गया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में थाम रखी तख्तियों पर लिखा था, ‘यह हम सभी पर हमला है’, ‘निर्दोषों की हत्या आतंकवादी कृत्य है’ तथा ‘निर्दोषों की हत्याएं बंद करो’। इस हमले को लेकर शेष देश के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में फैली गुस्से की लहर, बंद और प्रदर्शनों से स्पष्टï है कि लोग इस घटना से किस कदर आक्रोषित हैं। अत: केंद्र सरकार को जल्द से जल्द पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पैदा रोज-रोज की मुसीबत को कठोर कदम उठा कर हमेशा के लिए यथाशीघ्र समाप्त कर देना चाहिए।—विजय कुमार