किसानों का पक्ष लेने वाली कौन है ‘रेहाना’

punjabkesari.in Saturday, Feb 06, 2021 - 03:39 AM (IST)

मंगलवार को आकर्षक पॉप सिंगर रेहाना विश्व की सबसे पहली शख्सियत बनी जिसने भारत में आंदोलनकारी किसानों का पक्ष लिया। इसके बाद जलवायु कार्यकत्र्ता ग्रेटा थनबर्ग, अभिनेता जॉन कुसाक, अमरीकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस तथा लेबनानी-अमरीकी मॉडल मियां खलीफा भी समर्थन करने वाले व्यक्तियों में शामिल हो गई। 

32 वर्षीय सिंगर-अभिनेत्री ने 101 मिलियन से ज्यादा अपने प्रशंसकों को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘हम किसान आंदोलन के बारे में बातचीत क्यों नहीं कर रहे।’’ सी.एन.एन. ने अपने शीर्षक में कहा कि भारत ने नई दिल्ली के आसपास इंटरनैट को काट डाला क्योंकि प्रदर्शनकारी किसान पुलिस के साथ भिड़ गए। विदेश मंत्रालय ने इस बात को देखते हुए एक अव्यावहारिक प्रतिक्रिया जारी की जोकि शख्सियतों तथा अन्यों के द्वारा की गई आलोचना से संबंधित थी। विदेश मंत्रालय ने इन्हें, ‘‘न तो सटीक और न ही जिम्मेदार करार दिया।’’ 

रेहाना जोकि 600 मिलियन डॉलर से ज्यादा की सम्पत्ति वाली सिंगर तथा व्यवसायी महिला है, अपने मानवीय, परोपकारी तथा सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए जानी जाती है। रेहाना ने अनेकों चैरिटियों को अपना समर्थन दिया है जिसमें अल्जाइमर्ज एसोसिएशन, एंटरटेनमैंट इंडस्ट्री फाऊंडेशन, डिजाइनर अगेंस्ट एड्स, श्राइनर हास्पिटल्स फार चिल्ड्रन्स, स्टैंडअप टू कैंसर, द ब्लैक आइड पीज फाऊंडेशन तथा यूनीसेफ शामिल है। रेहाना ने हैरिकेन सैंडी रिलीफ के लिए 1 लाख डॉलर की फूड बैंक राशि भी दी। इसके अलावा पिछले वर्ष रेहाना ने 5 मिलियन डॉलर की सहायता राशि कोरोना वायरस राहत में दी। महामारी के हमले से पहले रेहाना को परोपकारी प्रयासों के लिए भी सम्मानित किया गया। रेहाना का अपना संगठन क्लारा एंड लाएनल ने अपना बहुत सारा योगदान दिया है। इस संगठन का नाम उसके दादा-दादी के नाम पर पड़ा है जो 60 देशों में युवा छात्रों की शिक्षा हेतु धन जुटाता है। 

2020 एन.ए.ए.सी.पी. इमेज अवार्ड्स जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति का अवार्ड हासिल किया, के दौरान रेहाना ने कहा, ‘‘जरा सोचिए एक साथ हम क्या कर सकते हैं। इसको हम विश्व को एक साथ लाकर ही कर सकते है। बंटे रहने से हम ऐसा नहीं कर सकते। हम उदासीनता को रिसने देना नहीं चाहते। यद्यपि यह आपकी समस्या है, मेरी नहीं।’’  

2017 में रेहाना ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का ह्यूमैनिटेरियन आफ द ईयर अवार्ड जीता। यह अवार्ड अन्य लोगों जिनमें नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजेई, कैलाश सत्यार्थी, आर्कबिशप डैस्मंड टूटू तथा आन सांग सू की शामिल हैं, को भी मिल चुका है। रेहाना को बारबाडोस के ब्रिजटाऊन में अपने चैरिटी कार्य के लिए भी सम्मानित किया गया। यहां पर रेहाना ने ब्रैस्ट कैंसर रोगियों के लिए एक केन्द्र स्थापित किया है। हैती में आए भूकम्प पीड़ितों के लिए भी उसने एक मुहिम चलाई थी। 

गरीबी से उत्थान : रेहाना का जन्म ब्रिजटाऊन में हुआ। उसका बचपन समस्याओं से भरा था। उसके पिता को कई बुरी आदतें थीं। इसी के चलते रेहाना की मां ने सख्त मेहनत की ताकि परिवार को पाला जा सके। एक समय ऐसा भी था जब उसने अपने पिता के साथ टोपियां तथा बैल्टें भी बेचीं। टी.वी. पर पीड़ित बच्चों के लिए धन एकत्रित करने की अपीलों को देखते हुए रेहाना ने सोचा  कि मैं किस तरह से अफ्रीका में सभी बच्चों को बचाने के लिए कितने 25 सेंट्स बचा सकती हूं। रेहाना ने सोचा कि जब वह बड़ी तथा अमीर होगी तो वह सभी बच्चों का जीवन बचाएगी। वह नहीं जानती थी कि नाबालिग होने के दौरान वह ऐसा कैसे कर पाएगी। इन सब बातों का उल्लेख उसने अपने भाषण के दौरान किया। उसने अपने करियर की शुरूआत 17 वर्ष की आयु में की और जब वह 18 वर्ष की हुई तो उसनेे अपनी पहली चैरिटी शुरू की। 

उससे पहले अपनी दोस्तों के साथ 14 वर्ष की आयु में रेहाना ने एक गर्ल बैंड ‘कंट्रास्ट’ शुरू किया। इस ग्रुप से म्यूजिक निर्माता इवान रिचर्ड्स बेहद प्रभावित हुए। इसके बाद रैपर जे.जैड. के साथ बैठक हुई जिसने रेहाना को जल्द ही साइन कर लिया। रेहाना की पहली एलबम ‘म्यूजिक आफ द सन’ (2005) थी। इसकी 2 मिलियन से ज्यादा कापियां बिकीं और गीत वैश्विक हिट हुए। मगर रेहाना को प्रसिद्धि अपनी तीसरी एलबम ‘गुड गर्ल गॉन बैड’ (2007) से मिली। इसके लिए उसे पहला ग्रैमी अवार्ड मिला। 31 साल की आयु में एक लग्जरी फैशन लैवल ‘फैंटी’ चलाने वाली वह पहली अश्वेत महिला बनी। 2020 में जब वह यू.के. प्रस्थान कर गई तो उस देश में वह सबसे धनी महिला संगीतकार बन गई। (साभार आई.ए.)-सुआंशु खुराना


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