देश में पैट्रोल-डीजल की बजाय इलैक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाया जाए

punjabkesari.in Thursday, Nov 30, 2023 - 04:39 AM (IST)

पिछले कुछ समय से देश में ईंधन बचाने के लिए इलैक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन शुरू हुआ है। ये पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही किफायती भी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश के परिवहन विभाग ने 2 वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए इलैक्ट्रिक कार खरीद कर इलैक्ट्रिक वाहनों की खरीद की शुरुआत की थी। इसके बाद इसी वर्ष फरवरी माह में प्रदेश के परिवहन विभाग ने अधिकारियों, इंस्पैक्टरों तथा उडऩदस्तों के इस्तेमाल के लिए 19 इलैक्ट्रिक कारें खरीदीं। इनके ड्राइवरों का कहना है कि ये कारें एक बार चार्ज करने पर 250 किलोमीटर तक चलती हैं तथा इनके रखरखाव का खर्च भी कम है। 

हिमाचल परिवहन विभाग के पास इस समय 19 ई-वाहन हैं। विभाग ने पैट्रोल-डीजल वाहनों और इलैक्ट्रिक वाहनों के संचालन पर आने वाले खर्च का अध्ययन करने के बाद कहा कि इलैक्ट्रिक कारों को चलाने पर लगभग 90 पैसे प्रति कि.मी. खर्च आ रहा है और ये एक घंटे में ही चार्ज हो जाती हैं। हिमाचल प्रदेश के परिवहन विभाग ने इन कारों की खरीद के बाद पैट्रोल और डीजल पर किए जाने वाले खर्च में 11 महीनों में लगभग 80 लाख रुपए की बचत की है। 

उल्लेखनीय है कि भविष्य में हिमाचल सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पैट्रोल व डीजल गाडिय़ों की खरीद न करने तथा ई-वाहनों की खरीद का ही निर्णय किया है। वहीं इसमें हिमाचल परिवहन निगम भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और उसके पास पहले ही 105 ई-बसें हैं तथा नई ई-बसें खरीदने की योजना प्रदेश सरकार बना रही है। इस समय जबकि सरकार देश में प्रदूषण रहित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 57,613 करोड़ रुपए की लगत से प्रधानमंत्री ई-बस सेवा शुरू करने जा रही है, हिमाचल सरकार के उक्त निर्णय से होने वाली बचत के दृष्टिगत दूसरे राज्यों की सरकारों को भी इलैक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की ओर ध्यान देना चाहिए। इससे न सिर्फ प्रदूषण रोकने में सहायता मिलेगी, बल्कि पैट्रोल-डीजल पर खर्च में भी काफी कमी आएगी।—विजय कुमार


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