खुशी के मौके पर की जाने वाली फायरिंग से उजड़ रहे अनगिनत परिवार

punjabkesari.in Wednesday, Jul 04, 2018 - 02:41 AM (IST)

विवाह-शादियों, नव वर्ष, त्यौहारों और खुशी के अन्य अवसरों पर भला किसका मन नहीं मचल उठता! ऐसे में कई बार व्यक्ति ज्यादा ही जोश में आकर कुछ ऐसा कर बैठता है जिससे उसे जीवन भर पछताना पड़ता है। 

परिणाम सोचे बिना नशे में गोली चलाकर खुशी व्यक्त करने का ऐसा ही रिवाज अफगानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तरी भारत तथा अमरीका के पोर्टोरिको आदि में प्रचलित है। इससे कभी तो इमारतों को क्षति पहुंचती है और कभी किसी व्यक्ति के प्राण चले जाते हैं। खुशी को गम में बदलने वाले ऐसे चंद दर्दनाक उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

01 जनवरी, 2018 को अलीगंज में गृह प्रवेश और नए वर्ष के उपलक्ष्य में ‘हर्ष फायरिंग’ में एक युवक की मृत्यु और एक अन्य घायल हो गया। 07 जनवरी को तरनतारन के एक रिजोर्ट में एक समारोह के दौरान गोली लगने से एक युवक की मृत्यु हो गई। 18 जनवरी को मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक विवाह समारोह के दौरान ‘हर्ष फायरिंग’ के परिणामस्वरूप एक 45 वर्षीय महिला की मृत्यु हो गई। 

03 फरवरी रात को उत्तर प्रदेश के बागपत में घुड़चढ़ी के दौरान की गई ‘हर्ष फायरिंग’ में सड़क के किनारे खड़े एक 13 वर्षीय बच्चे अक्षय की गोली लगने से मृत्यु हो गई। 05 फरवरी को पंजाब के रामपुराफूल सब डिवीजन के गांव गुमटी में विवाह से पूर्व महिलाओं के संगीत के कार्यक्रम में एक व्यक्ति द्वारा गोली चला देने के परिणामस्वरूप वधू के पिता सहित 2 लोग घायल हो गए। 06 फरवरी को लखीमपुर खीरी के कस्बा मोहम्मदी के एक गांव में ‘हर्ष फायरिंग’ के दौरान चली गोली एक युवक के गले के आरपार हो गई। 

06 फरवरी को मुरादाबाद में बिलारी थाना क्षेत्र के झकड़ा गांव में ‘हर्ष फायरिंग’ के दौरान एक युवक की मृत्यु हो गई। 06 फरवरी को पुरकाजी में घुड़चढ़ी के दौरान ‘हर्ष फायरिंग’ में देसी तमंचे की नाल फट जाने के परिणामस्वरूप एक दर्जन लोग घायल हो गए। 07 फरवरी को उत्तर प्रदेश में हाथरस के गांव जिरोली खुर्द में एक धार्मिक डोला यात्रा के दौरान राइफल से की गई ‘हर्ष फायरिंग’ में 2 श्रद्धालुओं को गोली लगने से एक व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई तथा एक गंभीर रूप से घायल हो गया। 

11 फरवरी को होशियारपुर में एक विवाह समारोह में जागो व डी.जे. पार्टी में चली गोली छत पर खड़ी होकर कार्यक्रम देख रही एम.बी.ए. की 22 वर्षीय छात्रा साक्षी अरोड़ा को लगने से उसकी मृत्यु हो गई। 11 फरवरी को बदायूं के अलापुर क्षेत्र में विवाह के अवसर पर हुई ‘हर्ष फायरिंग’ के दौरान गोली लगने से दूल्हा गंभीर रूप से घायल हो गया। 13 जून को मैनपुरी में एक नामकरण समारोह के दौरान ‘हर्ष फायरिंग’ रोकने पर 4-5 अज्ञात लोगों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया और उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। 

16 जून को मुरैना में फल दान समारोह के दौरान हुई ‘हर्ष फायरिंग’ में दूल्हे के फूफा की मृत्यु हो गई और शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। 22 जून को उत्तर प्रदेश में हाथरस के सहपऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव नगला मनी में बारात के रवाना होने से पहले हर्ष फायरिंग में लड़की के मामा सहित 2 लोग घायल हो गए। 27 जून को बिहार के मुजफ्फरपुर में एक विवाह समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग में एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद उत्तेजित भीड़ ने वधू, उसके रिश्तेदारों तथा वर के रिश्तेदारों की बुरी तरह पिटाई करने के बाद विवाह पार्टी के 14 वाहनों को आग लगा दी। 

27 जून को बिहार में आरा के बड़हरा थाना क्षेत्र में एक बारात में नाच के दौरान की जा रही अंधाधुंध ‘हर्ष फायरिंग’ के परिणामस्वरूप गोली लगने से दूल्हे के चचेरे भाई की मृत्यु हो गई। 29 जून को उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्मदिन समारोह में ‘हर्ष फायरिंग’ के परिणामस्वरूप अपना दल के बिथरी चैनपुर अध्यक्ष चंद्रपाल पटेल की गोली लगने से मृत्यु हो गई। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद विवाह तथा अन्य समारोहों में ‘हर्ष फायरिंग’ रुकने का नाम नहीं ले रही है। इस पृष्ठïभूमि में जहां विभिन्न समारोहों में शराब और शस्त्र के इस्तेमाल पर प्रतिबंध कठोरतापूर्वक लागू करने की आवश्यकता है वहीं विवाह एवं अन्य समारोहों में ‘हर्ष फायरिंग’ करने वालों पर भारी जुर्माने और गिरफ्तारी का प्रावधान भी होना चाहिए।—विजय कुमार 


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Pardeep

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