‘कठोर दंड के पात्र हैं प्लाज्मा में मिलावट करके लोगों की जान से खेलने वाले’

punjabkesari.in Friday, Dec 18, 2020 - 03:06 AM (IST)

देश भर में आए दिन खाद्य पदार्थों से लेकर अनेक वस्तुओं में मिलावट के समाचार आते रहते हैं। शायद ही कोई ऐसी वस्तु होगी जो मिलावट से बची हुई हो। अब तो यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कोरोना से बचाव के लिए रोगियों और जरूरतमंदों को दिए जाने वाले प्लाज्मा में भी मिलावट करके समाज के दुश्मनों द्वारा अनमोल प्राणों से खिलवाड़ किया जाने लगा है। मात्र 2 दिनों में ही मिलावट के 3 ऐसे मामले सामने आए हैं जो इस बात के ज्वलंत उदाहरण हैं कि देश में मिलावट की समस्या कितना गंभीर रूप धारण करती जा रही है। 

16 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश की हाथरस पुलिस ने नबीपुर इलाके में स्थित गर्म मसाला बनाने की एक फैक्टरी में छापा मार कर गधे की लीद, भूसा, एसिड और खाने के अयोग्य हानिकारक रंग मिला कर स्थानीय ब्रांडों के नकली मसाले बनाने के स्कैंडल का भंडाफोड़ कर 300 किलोग्राम से अधिक नकली लाल मिर्च, धनिया और गर्म मसाले के पैकेट जब्त किए। पुलिस ने फैक्टरी के मालिक ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ के मंडल सह-प्रभारी अनूप वाष्र्णेय को गिरफ्तार कर लिया है। ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ की स्थापना 2002 में योगी आदित्यनाथ (वर्तमान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश) ने की थी। 17 दिसम्बर को आगरा जिले के खंदौली कस्बे में पुलिस ने नकली घी बनाने की फैक्टरी में छापा मार कर जानवरों की चर्बी को चूल्हे पर पिघला कर बनाए हुए लगभग 125 किलो ‘नकली देसी घी’ के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। 

‘मोहल्ला व्यापारियान’ में इस नकली घी फैक्टरी के बगल में ही एक अवैध बूचडख़ाना भी चलाया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए फैक्टरी के मालिक चांद बाबू के अनुसार उसकी फैक्टरी में जानवरों की चर्बी को चूल्हे पर उबाल कर उसमें तय मात्रा में वनस्पति और रिफाइंड तेल के अलावा ‘एसैंस’ मिलाकर असली देसी घी जैसा नकली घी तैयार किया जाता है। उसने बताया कि वह लम्बे समय से नकली घी बनाकर आस-पास के इलाकों में सप्लाई कर रहा था। इस पर कुल 23 रुपए प्रति किलो का खर्च आता है जिसे वह व्यापारियों को 60 रुपए प्रति किलो बेचता है और व्यापारी इसी नकली घी को 200 रुपए प्रति किलो तक में बेचते हैं। 17 दिसम्बर को ही मिलावटी मसालों और नकली घी के कारखानों के बाद कोरोना रोगियों के उपचार में सहायक ‘असली प्लाज्मा’ की ओट में ‘मिलावटी प्लाज्मा’ और खून बेच कर मानव जीवन से खिलवाड़ किए जाने का स्कैंडल सामने आया है। 

‘प्लाज्मा’ रक्त में मौजूद एक तत्व है जिसमें 99 प्रतिशत पानी के अलावा प्रोटीन, मिनरल, कार्बनडाइआक्साइड व हार्मोन्स होते हैं। शरीर में कार्बनडाइआक्साइड का प्रवाह रक्त के ‘प्लाज्मा’ के माध्यम से ही होता है। ‘कोरोना’ के अटैक के बाद शरीर वायरस से लडऩा शुरू करता है और यह लड़ाई ‘प्लाज्मा’ में मौजूद ‘एंटीबॉडी’ लड़ती है। शरीर द्वारा पर्याप्त ‘एंटीबॉडी’ बना लेने पर ‘कोरोना’ को हराने में सहायता मिलती है।

ग्वालियर पुलिस ने लगभग 40 लाख रुपए का मिलावटी ‘प्लाज्मा’ और खून बेचकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने के आरोपी और इस कांड के मास्टरमाइंड ‘अजय त्यागी’ को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान ‘अजय त्यागी’ ने बताया कि वह एक यूनिट ‘प्लाज्मा’ खरीद कर इसमें ‘डिस्टिल्ड वाटर’ और ‘नार्मल स्लाइन’ मिलाता तथा इसकी मात्रा बढ़ा कर उस पर फर्जी मोहर लगा कर मरीजों के परिजनों को बेच देता था। ‘अजय त्यागी’ के अनुसार कुछ प्राइवेट अस्पतालों में काम करने वाले उसके साथी भी उसके इस काले धंधे में शामिल थे। 

पुलिस पूछताछ के दौरान ‘अजय त्यागी’ ने ‘ब्लड बैग’ खरीदने से लेकर ‘प्लाज्मा’ बनाने और उस पर सील लगाने तक का तरीका भी बताया। ‘अजय त्यागी’ ने बताया कि वह ग्वालियर स्थित एक लैब से खाली ‘ब्लड बैग’ खरीदता। इसमें पानी मिला ‘प्लाज्मा’ भरा जाता और यही ‘ब्लड बैग’ कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों को बेच दिया जाता था। मिलावटी खाद्य पदार्थों और ‘प्लाज्मा’ या रक्त से किसी का जीवन खतरे में डालना किसी की हत्या करने से कम गंभीर अपराध नहीं है और इस समाचार से गंभीर रोगों से पीड़ितों का ङ्क्षचताग्रस्त होना स्वाभाविक ही है। अत: ऐसा जघन्य अपराध करने वालों पर उसी लिहाज से कानून के अनुसार कार्रवाई करके हत्या के आरोप जैसी धाराओं में केस चला कर प्राण दंड जैसा कठोर दंड दिया जाना चाहिए ताकि इससे दूसरों को नसीहत मिले तथा रोगग्रस्त एवं ‘प्लाज्मा’ के जरूरतमंद रोगी बच सकें।—विजय कुमार 


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