भारत विरोधी गतिविधियों से ‘बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान’

punjabkesari.in Monday, Dec 14, 2020 - 01:52 AM (IST)

बार-बार मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान के शासक अपने अतीत के अनुभवों से कोई सबक नहीं ले रहे तथा आतंकवादियों को शरण, समर्थन और प्रशिक्षण देने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा समाचारों के अनुसार पाकिस्तान के शासकों ने बालाकोट में बड़ी संख्या में ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के आतंकियों को भारत में हमला करने के लिए ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। यह ट्रेनिंग उसी स्थान पर दी जा रही है जहां फरवरी, 2019 में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक कर वहां मौजूद आतंकवादियों के सभी कैंपों को ध्वस्त कर दिया था। इसी ट्रेनिंग कैम्प का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वहां ट्रेनिंग ले रहे आतंकवादी मिल कर हिंदुओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध नारे लगाते सुनाई दे रहे हैं। 

इस ट्रेनिंग सैंटर में कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर का भाई मौलाना अब्दुल रऊफ अजहर भी मौजूद था और उसे ही भारत के विरुद्ध चलाए जाने वाले तमाम ऑप्रेशन्स का इंचार्ज बनाया गया है। वहां मौजूद आतंकवादी भारत के विरुद्ध कार्रवाई के लिए तैयार बताए जाते हैं। पाकिस्तान की बदनीयती का एक और सबूत उस समय मिला जब पाकिस्तान की इमरान सरकार के प्रस्ताव पर ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ द्वारा घोषित आतंकवादी और 2008 के मुम्बई हमलों, जिसमें लगभग 166 लोग मारे गए थे, के मुख्य साजिशकत्र्ता जकी-उर-रहमान लखवी को महीने में डेढ़ लाख पाकिस्तानी रुपए का खर्च देने की अनुमति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रदान कर दी है। 

मुम्बई हमले के आरोप में रावलपिंडी की अडियाला जेल में कैद 60 वर्षीय लखवी को पाकिस्तान सरकार ने अप्रैल 2015 में इस आधार पर जेल से रिहा कर दिया था कि ‘‘उसके विरुद्ध कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं।’’  रिहाई के बाद काफी समय तक वह अंडरग्राऊंड भी रहा था। ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ की ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ द्वारा प्रदत्त अनुमति के अनुसार यह धनराशि लखवी के उसी बैंक खाते में डाली जाएगी जिससे उसके प्रतिबंधित आतंकवादी घोषित होने पर लेन-देन बंद किया गया था। 

रिपोर्ट के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा से संबद्ध लखवी को हर महीने भोजन के लिए 50,000, दवा के लिए 45,000, वकीलों की फीस और दूसरे खर्चों के लिए 20-20 हजार और यात्रा के लिए 15,000 रुपए मासिक दिए जाएंगे। बालाकोट में पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी कैम्प दोबारा शुरू करना और पाकिस्तान की इमरान खां सरकार द्वारा कुख्यात आतंकवादी लखवी के लिए मासिक खर्च बहाल करवाना उसकी बदनीयती का ही प्रमाण है। 

आमतौर पर यह देखा जाता है कि जब पाकिस्तानी सरकार अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है तो यह न केवल भारत के खिलाफ कुप्रचार चालू कर देती है बल्कि आतंकवादी गतिविधियों को भी बढ़ावा देती है। कहीं इस बार जो बाइडेन के निर्वाचित होने पर ही पाकिस्तान को ऐसा लग रहा हो कि अब उस कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। अत: भारत सरकार और सेना को पाकिस्तान की ओर से लगातार अधिकतम सतर्क और सजग रहने की जरूरत है। 


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