अब महबूबा के काफिले पर हुई पत्थरबाजी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 17, 2019 - 03:58 AM (IST)

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में 15 अप्रैल को पूर्व मुख्यमंत्री और पी.डी.पी. प्रमुख महबूबा मुफ्ती के काफिले पर पत्थरबाजों ने उस समय हमला कर दिया जब वह एक दरगाह में माथा टेक कर लौट रही थीं। इसमें महबूबा तो बाल-बाल बच गईं परंतु उनका एक अंगरक्षक घायल हो गया। घटना के बाद महबूबा के अंगरक्षकों ने किसी तरह काफिले को सुरक्षित बाहर निकाला। आरोप लगाया जाता है कि एक स्थानीय नेता ने ही युवकों को पथराव के लिए भड़काया था। 

जम्मू-कश्मीर के हालात के जानकारों के अनुसार पत्थरबाजी वहां सक्रिय पाक समर्थक अलगाववादियों की देन है जो घाटी में अशांति फैलाने के लिए जरूरतमंद युवाओं को 100-150 रुपए दिहाड़ी देकर उनसे पत्थरबाजी करवाते हैं। जानकारों के अनुसार जिस पत्थरबाजी का सामना महबूबा को करना पड़ा, दरअसल इसकी जन्मदाता वह स्वयं ही हैं। जून, 2010 में जब तुफैल मट्टू की मौत के बाद कश्मीर घाटी में हालात बिगड़े तो ङ्क्षहसा की इस आग में घी डालने का काम मुख्य रूप से महबूबा मुफ्ती ने ही किया था। 

उस दौरान करीब 6 महीने तक कश्मीर घाटी में खूब पत्थरबाजी हुई और हालात को सामान्य करने के प्रयास में सुरक्षाबलों के साथ भिड़ंत में लगभग 120 युवा पत्थरबाज मारे गए। इसके बाद जब महबूबा मुख्यमंत्री थीं तब खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया। उस दौरान कश्मीर घाटी में एक बार फिर पत्थरबाजी का दौर शुरू हुआ। हालांकि स्वयं मुख्यमंत्री होने के कारण इस बार महबूबा की भूमिका इस बारे कुछ ढीली पड़ी थी लेकिन जैसे ही उनकी सरकार का पतन हुआ तो महबूबा मुफ्ती एक बार फिर पत्थरबाजों को भड़काती हुई नजर आईं। और अंतत: अब उन्हीं पत्थरबाजों के हमले में वह बाल-बाल बचीं वरना कुछ भी हो सकता था।—विजय कुमार 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News