नोटबंदी से कारोबार में भारी मंदी लोग अपनी जरूरतों में कटौती करने को मजबूर

punjabkesari.in Sunday, Nov 27, 2016 - 01:56 AM (IST)

‘नोटबंदी’ अभियान के लगभग 18 दिनों के बाद भी लोगों की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही। जहां बैंकों के बाहर जमा भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ रहा है वहीं अनेक भाजपा कार्यकत्र्ताओं की पिटाई भी हो चुकी है। 

हाल ही में बंगाल के आसनसोल से भाजपा सांसद व प्रसिद्ध गायक बाबुल सुप्रियो व उनके साथी जब बंगाल में एक बैंक पर नोटबंदी का जायजा लेने पहुंचे तो उत्तेजित भीड़ ने उनकी जमकर पिटाई कर दी। अनेक उद्योगों में तालाबंदी की नौबत आ गई है। वेतन देने में असमर्थ उद्योगपति तथा व्यापारी अपने कर्मचारियों को जवाब दे रहे हैं जिस कारण प्रवासी श्रमिक पलायन कर रहे हैं। लुधियाना से ही लगभग 70 प्रतिशत लेबर अपने घरों को वापस जा चुकी है। 7000 करोड़ रुपए का कारोबार करने वाले साइकिल तथा हौजरी उद्योग का कारोबार 50 प्रतिशत से भी अधिक घट गया है। 

बिजाई का सीजन शुरू हो गया है परंतु किसानों के पास खादों और बीजों तथा मजदूरों को उनकी उजरत देने के लिए पैसा न होने के कारण अगली फसल की बुआई का काम भी प्रभावित हो रहा है। दिहाड़ीदार मजदूर 2-2 सप्ताह से काम न मिलने से भुखमरी का सामना कर रहे हैं। परचून कारोबार में 80 प्रतिशत तक कमी आ गई है। थोक व्यापारियों ने परचून व्यापारियों को सामान देना बंद कर दिया है। ‘फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स’ श्रेणी की चीजों जैसे स्नैक्स, बिस्कुट, नहाने के साबुन, शैम्पू व वाशिंग पाऊडर आदि की बिक्री 20 से 40 प्रतिशत तक घट गई है। 

ऐसे माहौल में भी रिश्वत जारी है तथा अब नई करंसी में ही रिश्वत ली जा रही है। गत 13 नवम्बर को कोल्हापुर में जिला परिषद के एक अधिकारी को 35,000 रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया। इसी प्रकार 15 नवम्बर को भोपाल में शिक्षा मंडल के एक अधिकारी तथा 2 कर्मचारियों को नई करंसी में 25,000 रुपए रिश्वत लेते हुए तथा 24 नवम्बर को एम.ई.एस. के एक सहायक गैरीसन इंजीनियर को 25,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया जिसमें 2000-2000 रुपए के 11 नए नोट थे।

इस बीच जन-धन बचत योजना के अंतर्गत खोले गए बैंक खातों में धनपतियों द्वारा भारी रकमें जमा करवाए जाने की शिकायतें मिलने पर इन खातों की जांच शुरू कर दी गई है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही 30,000 जन-धन खाताधारियों को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किए हैं। इलाज, अंतिम संस्कार व विवाह-शादियों तक के लिए पैसा जुटाने में लोगों को परेशानी हो रही है परंतु हरियाणा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड आदि में नोटबंदी पर गीत लिख कर इन दिनों क्षेत्रीय गायक खूब पैसे कमा रहे हैं। ऐसे ही एक गीत के बोल कुछ इस प्रकार हैं :
 
1000-500 के नोट की कब्र तूने खोदी,
ब्लैक मनी न व्हाइट होगी, जय-जय तेरी मोदी।

गत दिनों मुम्बई के चैम्बूर में एक महिला सहित 3 लोग कार में आए और वहां मौजूद लगभग 100 भिखारियों को एक कतार में खड़े करके एक-एक डिब्बा देकर यह कह कर चले गए कि ‘‘इन डिब्बों में मिठाई है। आप लोग हमारे जाने के बाद इसे खा लीजिएगा।’’ उनके जाने के बाद जब भिखारियों ने डिब्बे खोले तो हर डिब्बे में मिठाई की जगह 500 और 1000 रुपए वाले पुराने 2-2, 3-3 हजार नोट निकले। 

इस बीच 500 और 2000 रुपए के नए नोटों की छपाई और इनमें प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता पर भी प्रश्र चिन्ह लगाए जा रहे हैं। नए 500 रुपए वाले कुछ नोटों में गांधी जी का चित्र खिसकने से चेहरे पर परछाई सी दिखाई दे रही है, कुछ के नम्बर बाहर निकल गए हैं, कुछ में अशोक स्तम्भ वाला शेर गलत स्थान पर है जबकि कुछ नोटों में गारंटी वाली घोषणा नोट के सिक्योरिटी थै्रड के लगभग ऊपर पहुंच गई है। 

बहरहाल यह तो देश में नोटबंदी से पैदा हुई स्थिति की एक झलक मात्र है और वर्तमान संकेत यही बता रहे हैं कि लोगों को ‘नोटबंदी’ का मीठा फल चखने के लिए अभी और इंतजार करना होगा और इस दौरान उन्हें अफरा-तफरी के माहौल का सामना करना ही पड़ेगा।    
 


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