हरियाणा में मां बनी ‘डायन’ और नाना ‘राक्षस’ महिलाओं और बच्चियों के विरुद्ध दरिंदगी

punjabkesari.in Sunday, Jun 10, 2018 - 12:50 AM (IST)

दिसम्बर, 2012 में हुए दामिनी बलात्कार कांड के बाद देशवासियों और सरकार का ध्यान देश में हो रहे महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की ओर गया तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों ने इन्हें रोकने के लिए कुछ कानून भी बनाए परंतु इनका अपराध रोकने में कोई असर हुआ दिखाई नहीं देता। 

जहां तक हरियाणा का संबंध है भले ही राज्य सरकार महिलाओं और मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामलों में कठोर कार्रवाई के दावे करती हो परंतु वास्तविकता यह है कि पुलिस अधिकांश मामलों को सुलझाने में नाकाम ही सिद्ध हो रही है। वर्ष के पहले 5 महीनों के दौरान हुए बलात्कार के मामलों में से लगभग 30 प्रतिशत मामले अभी भी सुलझे नहीं हैं और अनेक पीड़ितों के घर वाले इन मामलों में न्याय पाने के लिए पुलिस थानों के चक्कर लगा रहे हैं। 

5 मास पूर्व जींद में कुरुक्षेत्र की एक किशोरी के सामूहिक बलात्कार और हत्या के अभियुक्त अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर हैं और मृतका का पिता न्याय के लिए भटक रहा है। महिलाओं और बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले अपराधी उन पर उसी प्रकार अत्याचार कर रहे हैं जैसे दामिनी पर किए गए थे। जींद में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई उक्त किशोरी के शरीर पर 18 गंभीर चोटें पाई गई थीं और आरोपियों ने मृतका के प्राइवेट अंगों में तेज धारदार वस्तु भी डाल दी जिससे उसके आंतरिक अंग फट गए। 

ऐसी ही बर्बरता 2 जून को हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के एक कर्मचारी की घर से लापता हुई 6 वर्षीय बेटी के साथ दोहराई गई जिसकी लाश 3 जून को मंत्री के फार्म हाऊस के निकट पड़ी मिली थी। उसका गला तेजधार हथियार से कटा हुआ था और रक्तरंजित गुप्तांग सहित विभिन्न अंगों पर चोटों के निशान भी थे। इस बच्ची पर जुल्म करने वाला दरिंदा घोड़ों के एक डाक्टर का सहायक निकला। उसने बलात्कार करने से पहले इस बच्ची को घोड़ों को सुस्त करने वाला नशे का टीका लगाकर बेहोश करने के बाद उसके साथ 3 बार बलात्कार किया और फिर पकड़े जाने के डर से चाकू से बच्ची का गला काट दिया। 

06 जून को फतेहाबाद के किरढान गांव में एक नाबालिग छात्रा के अपहरण और बलात्कार के बाद जहर देकर उसकी हत्या कर दी गई। इसी दिन सोनीपत में एक छात्रा से बलात्कार किया गया। 07 जून को दिल्ली की रहने वाली केन्या की एक युवती के साथ गुडग़ांव में सामूहिक बलात्कार किया गया। 07 जून को रतिया उपमंडल के मुंशीवाला गांव में एक युवक द्वारा नाबालिगा को दुकान में ले जा कर बलात्कार किया गया। 08 जून को बावल उपमंडल के एक गांव में एक युवक ने 8 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी। 

08 जून को रोहतक पुलिस ने हरियाणा के एक भारोत्तोलन कोच को एक राष्ट्रीय स्तर की भारोत्तोलक से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया। इन यौन अपराधों का एक दुखद पहलू यह भी है कि जहां इस प्रकार की घटनाएं आपसी रंजिश, जातिगत विद्वेष और नशों के प्रभावाधीन अंजाम दी जा रही हैं, वहीं कुछ मामलों में इनमें पीड़ितों के परिचित और निकट रिश्तेदार भी शामिल पाए जा रहे हैं। 07 जून को रेवाड़ी में एक ऐसी ही घटना में एक मां का डायन रूप और नाना का राक्षस रूप सामने आया। एक 14 वर्षीय बच्ची को जिस्मफरोशी के लिए उसकी मां ने मजबूर किया और मना करने पर दांतों से काट कर बुरी तरह घायल कर दिया। यह भी पता चला कि इस बच्ची का नाना अपने साथियों सहित 7 वर्ष से इसके साथ बलात्कार करता आ रहा था। 

हालांकि पुलिस अधिकारी प्रत्येक घटना के बाद बलात्कारियों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करने की बात कहते हैं परंतु ऐसे मामलों की कमी नहीं है जो लम्बे समय से अनट्रेस पड़े हैं। हरियाणा में महिलाओं और बच्चियों पर अमानवीय अत्याचारों की यह तो एक बानगी मात्र है। इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चियां दरिंदों के राक्षसी अत्याचार की शिकार हो रही हैं जिनकी कल्पना करके ही शरीर सिहर जाता है और प्रत्येक सूझवान व्यक्ति यह सोचने को विवश हो जाता है कि आखिर समाज किधर जा रहा है।—विजय कुमार  


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