‘समाज विरोधी तत्वों के निशाने पर’ ‘मासूम बच्चे-बच्चियां’
punjabkesari.in Friday, May 17, 2024 - 05:10 AM (IST)

सरकार द्वारा कानून व्यवस्था काबू में करने के प्रयासों के बावजूद देश में अपराधी तत्वों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां तक कि मासूम बच्चे-बच्चियां भी आज सुरक्षित नहीं हैं। नवजात बच्चों का अपहरण करके उन्हें नि:संतान दम्पतियों को बेचने, बड़े बच्चों को भिक्षावृत्ति, चोरी-चकारी जैसे अपराधों में तथा लड़कियों को वेश्यावृत्ति में धकेला जा रहा है :
* 24 अप्रैल, 2024 को सी.बी.आई. ने हरियाणा व दिल्ली में 7 स्थानों पर सर्च आप्रेशन चला कर दिल्ली में नि:संतान माता-पिताओं के साथ लाखों रुपयों की ठगी मार चुके एक बड़े बच्चा चोर गिरोह के 7 सदस्य गिरफ्तार किए।
यह गिरोह आम तौर पर फेसबुक पेज और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर विज्ञापनों के माध्यम से नि:संतान माता-पिताओं से सम्पर्क करके चुराए गए बच्चे उन्हें 4 से 6 लाख रुपए तक में बेचा करता था।
अधिकारियों के अनुसार इस सर्च आप्रेशन के दौरान उन्हें एक बच्चा मात्र डेढ़ दिन आयु का तथा दो बच्चे पंद्रह दिन आयु के मिले, जिन्हें यह गिरोह बेचने की फिराक में था। तलाशी के दौरान गिरोह के सदस्यों से साढ़े पांच लाख रुपए नकद जब्त किए गए।
* 14 मई, 2024 को जयपुर रेलवे पुलिस ने रेलवे स्टेशनों आदि भीड़-भाड़ वाली जगहों से बच्चों का अपहरण करने वाले ‘मदारी गैंग’ के 5 सदस्यों-‘मुकेश मदारी’, ‘कर्ण मदारी’, ‘अर्जुन मदारी’, ‘प्रेम मदारी’ तथा ‘लज्जो’ को गिरफ्तार किया। पति-पत्नी, भाई और बेटों पर आधारित इस गिरोह से अधिकारियों ने 5 मई को मदारी के खेल में ‘जमूरे’ के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कोटा से अपहरण किए गए एक 4 वर्षीय बच्चे को बरामद करने के अलावा एक अन्य अपहृत 10 वर्षीय बच्चा भी बरामद किया। अधिकारियों के अनुसार गिरोह के सदस्य पहले 4 वर्षीय बच्चे को मध्य प्रदेश में भोपाल लेकर गए और वहां से जयपुर लेकर आए थे। यह गिरोह पहले बच्चों को अपने डेरों पर रख कर ट्रेनिंग देता और कलाबाजी आदि लगाना सिखा कर और उनके शरीर पर रंग-रोगन आदि लगा कर उन्हें मदारी के खेल में ‘जमूरा’ बनाता था। गिरोह के सदस्य इनसे भीख मंगवाने के अलावा दूसरे अपराध भी करवाते थे। गिरोह के सदस्यों के अनुसार इसके सदस्य विवाह-शादियों वाले घरों में बर्तन मांजने और सफाई का काम भी करते हैं।
* 15 मई, 2024 को अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय वेश्यावृत्ति गिरोह का भंडा फोड़ करने की जानकारी दी। इस सिलसिले में कुल 21 लोगों को पिछले 10 दिनों के भीतर गिरफ्तार किया गया। इनमें एक डी.एस.पी., स्वास्थ्य विभाग का एक डिप्टी डायरैक्टर, एक कांस्टेबल, एक असिस्टैंट इंजीनियर, एक जूनियर इंजीनियर व ग्राहक शामिल हैं।
यह गिरोह 10 से 15 वर्ष आयु की नाबालिगों का दूसरे राज्यों तथा विभिन्न गांवों से अपहरण करके यहां लाकर उन्हें देह व्यापार में धकेल देता था। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ‘र्ईटानगर’ के पुलिस अधीक्षक रोहित राजबीर सिंह के अनुसार, 2 बहनें पड़ोसी राज्य असम के ‘धेमाजी’ शहर से नाबालिग लड़कियों को तस्करी कर राज्य में ला रही थीं। ‘ईटानगर’ के निकट ही ‘चिपू’ में नाबालिग लड़कियों से जुड़ा एक वेश्यावृत्ति गिरोह सक्रिय होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम ने 4 मई को ब्यूटी पार्लर चलाने वाली उक्त दोनों बहनों के घर पर छापा मार कर ‘धेमाजी’ शहर से लाई गई दोनों नाबालिग लड़कियों को मुक्त करवाया। इसके बाद ‘धेमाजी’ से ही तस्करी करके लाई गई तथा एक अन्य महिला के चंगुल में फंसी 2 अन्य नाबालिग लड़कियों तथा एक और लड़की को एक होटल में छापेमारी करके छुड़वाया गया।
उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि आज मासूम लड़के-लड़कियां किस प्रकार समाज विरोधी तत्वों के निशाने पर आए हुए हैं। अत: माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने, विशेषकर रेलवे स्टेशनों तथा अन्य भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है क्योंकि जरा-सी लापरवाही की बड़ी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इस बुराई पर रोक लगाने के लिए ऐसे अपराधों में संलिप्त होने वालों को कठोरतम दंड दिए जाने की भी जरूरत है।—विजय कुमार