पुलिस कर्मचारियों में दिनों-दिन बढ़ रही ‘अनुशासनहीनता और मनमानियां’

punjabkesari.in Tuesday, Nov 26, 2019 - 12:06 AM (IST)

हालांकि पुलिस विभाग पर देशवासियों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते इनसे अनुशासित और कत्र्तव्य परायण होने की अपेक्षा की जाती है परन्तु आज देश में अनेक पुलिस कर्मचारी अपने आदर्शों से भटक कर विभिन्न अपराधों में संलिप्त होकर पुलिस विभाग की बदनामी का कारण बन रहे हैं जो 4 दिनों के निम्र उदाहरणों से स्पष्ट है : 

1 नवम्बर को ही विजीलैंस ब्यूरो मुक्तसर ने 5,000 रुपए रिश्वत लेते हुए बठिंडा के ए.एस.आई. तेजिंद्र कुमार उर्फ छिंदा को पकड़ा। 21 नवम्बर को विजीलैंस ब्यूरो अमृतसर रेंज ने मामून छावनी थाने के ए.एस.आई. रघुवीर सिंह को 4,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 21 नवम्बर को बरनाला में एक महिला से सामूहिक बलात्कार करने के आरोप में बरनाला के थाना टालेवाल के थानेदार बलदेव सिंह, सिपाही तरुण कुमार व एक अन्य व्यक्ति जगदेव सिंह के विरुद्ध केस दर्ज करके बलदेव सिंह और जगदेव सिंह को गिरफ्तार किया गया। 

21 नवम्बर को ही थाना सदर तरनतारन की पुलिस ने पेशी सैल में तैनात हैडकांस्टेबल जसबीर सिंह को 100 ग्राम हैरोइन सहित काबू किया जब वह इसे कैदियों को सप्लाई कर रहा था। 22 नवम्बर को रोहतक पुलिस ने डी.एस.पी. विजीलैंस नरेंद्र सिंह को एक महिला कांस्टेबल द्वारा उसके विरुद्ध की गई उसे परेशान करने, देर रात तक दफ्तर में रहने के लिए कहने, मोबाइल पर गंदी बातें कहने, धमकाने आदि की शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालने के आरोप में गिरफ्तार किया। 23 नवम्बर को विजीलैंस ने फरीदकोट आर्थिक अपराध शाखा के इंचार्ज एस.आई. वकील सिंह को 50,000 रुपए रिश्वत लेते पकड़ा। 

24 नवम्बर को हिमाचल के किन्नौर जिले के गांव ‘मुरंग’ में ए.टी.एम. काट कर पैसे चुराने का प्रयास करने के आरोप में आई.टी.बी.पी. के एक जवान संदीप कुमार और उसके साथी को पकड़ा गया। उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिस विभाग आज किस कदर अपने कत्र्तव्य से भटक कर रक्षक की बजाय भक्षक बन चुका है। अत: ऐसे पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध तेजी से कार्रवाई करके उन्हें शिक्षाप्रद दंड दिया जाना चाहिए।—विजय कुमार


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