‘जम्मू में सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता’ ‘...परंतु जरूरत है और सावधान होने की’

punjabkesari.in Friday, Nov 20, 2020 - 03:36 AM (IST)

अस्तित्व में आने के समय से ही जहां पाकिस्तान के शासकों ने भारत के विरुद्ध प्रत्यक्ष और छद्म युद्ध छेड़ रखा है, वहीं सीमा पार स्थित ट्रेनिंग कैम्पों में अपने पाले हुए आतंकवादियों को हिंसक गतिविधियों का प्रशिक्षण देकर और उनकी भारत में घुसपैठ करवा कर वह भारत में खूनखराबा करवाने के प्रयास लगातार जारी रखे हुए है। इसमें पाकिस्तान का सबसे बड़ा मित्र देश चीन भी उसका पूरा साथ दे रहा है। 

इसका ताजा प्रमाण 19 नवम्बर को मिला जब जम्मू-कश्मीर के नगरोटा के निकट जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘बन टोल प्लाजा’ पर जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकवादियों को अढ़ाई घंटे चली मुठभेड़ में भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया, इसमें हमारे 2 जवान भी घायल हुए। चावलों से भरे एक ट्रक में छिप कर कश्मीर जा रहे इन पाक आतंकवादियों ने मंगल और बुधवार की मध्य रात्रि को भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सांबा के निकट भारत में घुसपैठ की थी। सुरक्षा बलों की गोलियों से बचने के लिए उन्होंने ट्रक के अंदर ही बंकर बना रखा था। 

पहले ही सतर्क सुरक्षा बलों के सदस्यों ने ट्रक को घेर कर पाक आतंकवादियों का उसी में काम तमाम कर दिया क्योंकि जंगल का इलाका होने के कारण यदि वे ट्रक से बाहर आ जाते तो मुठभेड़ लम्बी चल सकती थी। ट्रक का ड्राइवर फरार हो गया जिसकी तलाश जारी है। मारे गए आतंकवादियों के कब्जे से 11 ए.के. 47 राइफलें तथा मैगजीन, 3 पिस्तौल, 29 ग्रेनेड, 6 ‘यू.बी.जी.एल.’ ग्रेनेड, मोबाइल फोन, बम्पर, पिट्ठू बैग तथा अन्य गोली-सिक्के की बड़ी खेप के अलावा पाकिस्तान में निर्मित दवाएं भी बरामद हुई हैं। यह पिछले कई वर्षों के दौरान बरामद की गई अवैध हथियारों की सबसे बड़ी खेप बताई जाती है तथा अनेक हथियारों पर ‘मेड इन चाइना’ भी लिखा हुआ है। जम्मू प्रांत के आई.जी. मुकेश सिंह के अनुसार इन आतंकियों के खतरनाक इरादों का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि हर पाक आतंकवादी के कब्जे से 3-3 बड़े हथियार और 1-1 छोटा हथियार बरामद हुआ है। 

बताया जाता है कि ये आतंकवादी इस महीने के अंत में होने वाले जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद (डी.डी.सी.) के चुनावों के दौरान कोई बड़ा हमला करने की फिराक में थे जिसकी साजिश पाकिस्तान में बैठे ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर के भाई रऊफ लाला ने रची थी। यदि ये आतंकवादी अपने मंसूबों में सफल हो जाते तो कश्मीर घाटी में बड़ी तबाही मच सकती थी। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार के अनुसार, ‘‘पिछले कुछ समय से पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने और आगामी चुनावों को बाधित करने की कोशिशें बढ़ा दी हैं।’’ अभी यह लेख लिखा ही जा रहा था कि पुलवामा जिले के ‘काकापुरा’ गांव में सुरक्षा बलों तथा आतंकियों के बीच मुठभेड़ का समाचार आ गया। 

फिर आई खबर में भारतीय सेना ने  पी.ओ.के. में चुनिंदा स्थानों पर आतंकवादियों के लांच पैडों पर एयर स्ट्राइक की है जिसके परिणामस्वरूप कई आतंकी शिविर तबाह और बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं। इससे पूर्व 16 नवम्बर को दिल्ली के सराय काले खां इलाके में पुलिस की विशेष सैल की टीम ने जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकवादियों ‘अब्दुल लतीफ मीर’ तथा ‘मोहम्मद अशरफ खटाना’ को गिरफ्तार करके दिल्ली में हमले की बड़ी साजिश को नाकाम किया है जो नगरोटा में मारे गए आतंकवादियों के साथ ‘जेहाद’ नामक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सम्पर्क में थे। 

पहले दिल्ली में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी गिरोह के 2 सदस्यों की गिरफ्तारी और अब 19 नवम्बर को नगरोटा में हुए एनकाऊंटर में जैश के ही 4 आतंकवादियों का मारा जाना सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता और पाकिस्तान के मंसूबों को बहुत बड़ा झटका है। लेकिन ये सफलताएं सुरक्षा प्रबंधों की पहले से भी अधिक मजबूती की मांग करती हैं क्योंकि अपनी पराजयों से बौखलाया पाकिस्तान इसका बदला लेने की अवश्य कोशिश करेगा। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जहां  एल.ओ.सी. के पार ‘लांचिंग पैडों’ पर 300 आतंकी भारत में घुसपैठ की ताक में बैठे हैं, वहीं भारत में हालात बिगाडऩे के लिए चीन भी पाकिस्तान सरकार तथा उसके पाले आतंकियों की पूरी मदद कर रहा है जो नगरोटा मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों से बरामद चीन निर्मित हथियारों की बरामदगी से स्पष्टï है।-विजय कुमार


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