पाकिस्तान को ‘मुफ्त कोरोना वैक्सीन दी’‘भारत सरकार की सराहनीय पहल’

punjabkesari.in Friday, Mar 12, 2021 - 02:41 AM (IST)

अस्तित्व में आने के समय से ही पाकिस्तान के अधिकांश शासकों ने भारत के विरुद्ध प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष युद्ध छेड़ रखा है और भारत के विरुद्ध ङ्क्षहसक गतिविधियों के लिए भारत में अपने पाले हुए आतंकियों की घुसपैठ करवा के, नकली करंसी, नशीले पदार्थ व हथियार भेज कर हमें हानि पहुंचा रहे हैं। पाकिस्तान के शासकों में से केवल 2 प्रधानमंत्रियों ने भारत से संबंध सुधारने की दिशा में कुछ पहल की। उनमें से एक नवाज शरीफ ने 21 फरवरी, 1999 को श्री अटल बिहारी वाजपेयी को लाहौर आमंत्रित करके ‘परस्पर मैत्री और शांति के लिए’ लाहौर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। 

तब आशा बंधी थी कि अब इस क्षेत्र में शांति का नया अध्याय शुरू होगा परंतु इसके कुछ ही समय बाद मुशर्रफ ने नवाज का तख्ता पलट कर उन्हें जेल में डाल दिया और सत्ता पर कब्जा करके उन्हें देश निकाला दे दिया। उसी वर्ष भारत के कारगिल पर हमले के पीछे भी मुशर्रफ ही था। उनके बाद 18 अगस्त, 2018 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने इमरान खान ने 9 नवम्बर, 2019 को भारतीय पंजाब में स्थित ‘डेरा बाबा नानक’ को पाकिस्तान में करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोडऩे वाले करतारपुर कॉरीडोर की शुरूआत करवाई जिससे पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहब के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा हो गई। 

यही नहीं इस वर्ष 24 और 25 फरवरी को सीमा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के बाद दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों ने 2003 के युद्ध विराम समझौते का सख्ती से पालन करने पर सहमति भी व्यक्त की है। अभी तक पाकिस्तान इस समझौते का पालन न करके लगातार युद्ध विराम का उल्लंघन कर रहा था। अब अपना पड़ोसी धर्म निभाते हुए भारत सरकार ने भी पाकिस्तान को कोरोना महामारी का सामना करने में सहायता देने के लिए भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन की 4.5 करोड़ खुराकें मुफ्त देने की घोषणा कर दी है। पुणे स्थित ‘सीरम इंस्टीच्यूट’ द्वारा निर्मित ‘ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका’ की कोरोना वैक्सीन ‘कोवीशील्ड’ जल्द ही पाकिस्तान पहुंचेगी। इससे पूर्व भारत सरकार लगभग एक दर्जन देशों भूटान, मालदीव, मारीशस, बहरीन, ओमान, अफगानिस्तान, बारबाडोस, डोमीनिका, बंगलादेश, नेपाल, म्यांमार व सेशेल्स को 361 लाख से अधिक कोरोना वैक्सीन भेज चुकी है। 

जहां भारत की यह पहल सराहनीय है, वहीं कुछ वर्षों से दोनों देशों के बीच भारत द्वारा पाकिस्तान से आयात पर 200 प्रतिशत आयात शुल्क लगा देने और पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर बारे भारत सरकार के फैसले से बौखला कर द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने की धमकी देने के बाद बंद पड़ा करोड़ों रुपए का व्यापार भी दोबारा तुरन्त शुरू करने की जरूरत है। दोनों देशों में व्यापार बंद होने से अकेले अटारी और अमृतसर क्षेत्र के लगभग 20 हजार परिवारों का रोजगार छिन गया है जिनमें कुली, हैल्पर, ट्रांसपोर्टर, ट्रांसपोर्ट लेबर आदि शामिल हैं। दोनों देशों में आयात-निर्यात बंद होने के बाद सीमा पार से नशीले पदार्थों की तस्करी भी बढ़ गई है। जो लोग पहले सीमा पर मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवारों का पेट पाल रहे थे, उनमें से कई अब नशे की तस्करी करने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में बी.एस.एफ. ने सीमा पार से आई 497 किलो हैरोइन पकड़ी जो 7 वर्षों में बरामद की गई हैरोइन की सर्वाधिक मात्रा है। 

पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं में ड्राईफ्रूट, तरबूज, फल, सेंधा नमक, सीमैंट, पैट्रोलियम उत्पाद, सल्फर, चमड़े का सामान, मैडीकल उपकरण आदि शामिल थे। इसी प्रकार भारत से पाकिस्तान को जाने वाली वस्तुओं में कपास, धागा, कैमिकल, प्लास्टिक की वस्तुएं, खड्डी का धागा, रंग, रैडीमेड कपड़े, नारियल, काजू, पान के पत्ते, सब्जियां आदि शामिल थीं। इमरान खान खिलाड़ी रहे हैं। सिवाय तीन विवाह करने के उनके विरुद्ध कोई आरोप नहीं है और 6 मार्च को अपने विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में भी उन्होंने सफलता प्राप्त की है। अत: अब वह पूरे आत्मविश्वास से भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। 

यदि दोनों देश सकारात्मक दृष्टिकोण अपना लें तो न सिर्फ दोनों देशों में दूरियां मिटेंगी बल्कि लोगों का दोनों देशों में आना-जाना शुरू होने से सद्भाव बढ़ेगा। इसके साथ ही दोनों देशों में सम्बन्ध सामान्य होने से सीमाओं की सुरक्षा पर किए जाने वाले खर्च में कटौती होगी और उस बचे हुए धन को दूसरे कामों पर खर्च किया जा सकेगा। इससे पाकिस्तान में महंगाई कम होगी, लोगों को रोजगार मिलेगा और दोनों देशों में असंतोष समाप्त होगा। दो कदम तुम भी चलो, दो कदम हम भी चलें, मंजिलें प्यार की, आएंगी चलते-चलते।—विजय कुमार


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