महिला को वर्ष में कई बार गर्भवती दिखा कर ‘जननी सुरक्षा योजना के नाम पर लूट’

punjabkesari.in Sunday, Jul 05, 2015 - 12:04 AM (IST)

देश में लगातार फैलती जा रही भ्रष्टचार की विषबेल ने अब ‘मां की कोख’ को भी अपनी लपेट में ले लिया है। मुख्यत: नई माताओं को बेहतर पोषण उपलब्ध करने के लिए शुरू की गई ‘जननी सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में दी जाने वाली 1400 रुपए की नाममात्र राशि में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी का खुलासा हुआ है। 

इसके अंतर्गत प्राइमरी हैल्थ सैंटर(पी.एच.सी.) के कर्मचारी/अधिकारी ग्रामीण महिलाओं के नाम 1400 रुपए की राशि का हस्तांतरण करते हैं और इसमें से कुछ हिस्सा उन्हें दे कर बाकी रकम स्वयं हड़प जाते हैं। लाभाथयों को दी गई सहायता राशि के ऑडिट से पता चला है कि एक-एक महिला को चार महीनों में तीन-तीन बार गर्भवती दिखा कर सहायता दी गई। प्रदेश के बहराइच जिले में एक 62 वर्षीय महिला को 10 महीनों में पांच बार गर्भवती दिखा कर सहायता राशि दी गई। अकेले ‘बौंडी’ प्राइमरी हैल्थ सैंटर में ही 200 ऐसे मामले सामने आए हैं।
 
बदायूं जिले में 4 महीनों में तीन बार गर्भवती दिखाई गई आशा देवी को इस वर्ष 28 फरवरी को एक बच्चे को जन्म देने के बाद 1400 रुपए दिए गए। इतनी ही राशि उसने मार्च महीने में एक बच्चे को जन्म देने की बात कह कर ले ली। 
 
यही नहीं, उसने 20 मई को फिर बच्चे को जन्म देने के नाम पर इस राशि की मांग कर डाली। शक होने पर बैंक अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सूचित किया और जांच करने पर ऐसे अनेक मामले सामने आने लगे। 
 
इसी तरह एक अन्य गांव की राजेश्वरी देवी नामक महिला द्वारा 24 अगस्त, 2011 को बच्चा पैदा करने के नाम पर सहायता लेने का खुलासा हुआ जबकि अंतिम बार उसने 12 वर्ष पहले बच्चे को जन्म दिया था।
 
जननी सुरक्षा योजना का उद्देश्य महिलाओं को पोषाहार सुनिश्चित करके बाल मृत्यु दर कम करने के लिए सहायता देना है जबकि घोटालेबाजों ने यहां भी अपने पैर पसार कर लूट का धंधा शुरू कर दिया है।
 
अब प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है लेकिन इससे एक बार फिर यह तो सिद्ध हो ही गया है कि सरकारी विभागों में ‘लूट’ का सिलसिला लगातार जारी है।

 


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