संघ परिवार से जुड़े लोगों द्वारा विवादास्पद बयानों का सिलसिला जारी

punjabkesari.in Tuesday, Apr 07, 2015 - 01:09 AM (IST)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ समय पूर्व भाजपा सदस्यों और भगवा परिवार के सदस्यों से ऐसे बयान न देने को कहा था जिनसे अनावश्यक विवाद पैदा होने का अंदेशा हो परंतु इस अपील का असर पूर्णत: नहीं हुआ।

कुछ ही दिन पूर्व संघ प्रमुख ने मदर टैरेसा के सेवा कार्यों को धर्मांतरण से प्रेरित बता कर और भाजपा सांसद साक्षी महाराज व साध्वी निरंजन ज्योति आदि ने हिन्दुओं से अधिक बच्चे पैदा करने का आह्वान करके विवाद खड़ा कर दिया था और अब चंद दिनों में ही इस तरह के चार और बयान आ गए हैं:
 
* 4 अप्रैल को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव चंपत राय ने हिन्दुओं से ज्यादा बच्चे पैदा करने की वकालत करते हुए कहा कि ‘‘हिन्दुओं को सिर्फ एक बच्चा पैदा करने की मानसिकता छोड़ देनी चाहिए क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो मुसलमानों की संख्या बढ़ जाएगी और देश पर उनका कब्जा हो जाएगा।’’
 
* 4 अप्रैल को ही नई दिल्ली में विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने हिन्दुओं से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील की और कहा, ‘‘ऐसा न करने पर भारत भी मुस्लिम बहुसंख्यक देश बन जाएगा।’’
 
* 4 अप्रैल को ही राष्ट्रीय सेवा संगम के सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने ईसाई मिशनरियों पर एक बार फिर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘विदेश से आने वाली चैरिटी में निहित स्वार्थ जुड़े हुए होते हैं और सेवा भाव के अभाव में यह चैरिटी एक व्यापार बन जाती है।’’
 
* 5 अप्रैल को चंडीगढ़ में विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा, ‘‘देश में मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या राष्ट के लिए खतरा बन सकती है। अत: इस पर अंकुश लगाने के लिए देश में 2 बच्चों का कानून बनाया जाए जो सभी धर्मों पर लागू हो।’’
 
‘‘यदि ऐसा नहीं किया गया तो 2070 तक देश में मुसलमानों की जनसंख्या हिन्दुओं से अधिक हो जाएगी जो ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और सनातन हिन्दू सभी धर्मों के लिए खतरा है। अत: इस नियम का पालन न करने वालों की नागरिकता छीन ली जाए तथा सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं और सबसिडी से वंचित कर दिया जाए। लव जेहाद, धर्मांतरण, मुसलमानों की अधिक बच्चे पैदा करने की दर, वयस्क जनसंख्या की बहुलता मुसलमानों की आबादी बढऩे के मुख्य कारण हैं।’’  
 
संघ से जुड़े संगठनों के नेताओं के ऐसे बयानों से भाजपा की प्रतिष्ठा को लग रहे आघात को महसूस करते हुए विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रैड्डी ने 14 फरवरी को हिन्दू नेताओं से ऐसी टिप्पणियां न करने को कहा था।
 
इसके 4 दिन बाद ही 18 फरवरी को संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने भी भाजपा सांसद साक्षी महाराज व साध्वी निरंजन ज्योति आदि नेताओं द्वारा अधिक बच्चे पैदा करने के बयानों से असहमति व्यक्त करते हुए कहा था कि ‘‘हमारी माताएं बच्चे पैदा करने वाली फैक्टरी नहीं हैं।’’ 
 
नि:संदेह किसी भी संगठन द्वारा आज के माहौल में लोगों से अधिक बच्चे पैदा करने को कहना एक व्यर्थ सी बात है। आज शिक्षित और जागरूक लोग चाहे वे हिन्दू, मुसलमान या कोई भी हों, दो से अधिक बच्चे नहीं चाहते ताकि वे अपने परिवार को सीमित रखकर अपनी संतान को उच्च शिक्षा एवं अन्य जीवनोपयोगी सुविधाएं उपलब्ध करवा सकें। सभी समुदायों की पढ़ी-लिखी महिलाएं भी अपने स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे के कारण दो से अधिक बच्चे पैदा नहीं करना चाहतीं।
 
आज अधिक संतानें केवल अनपढ़ता और पिछड़ेपन के शिकार समुदायों में ही पैदा हो रही हैं जिनमें हिन्दू भी शामिल हैं। अत: ऐसे विवादास्पद बयान देने की बजाय आज आवश्यकता इस बात की है कि हमारे नेता देश से अनपढ़ता और अज्ञानता दूर करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएं ताकि साक्षरता और जागरूकता बढ़े तथा हमारी भावी पीढिय़ां स्वस्थ, सुशिक्षित और सुविधा-सम्पन्न जीवन जी सकें।  

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