पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप ने किया बड़ा खुलासा, जानिए भारत को लेकर क्या कहा?
punjabkesari.in Saturday, Aug 16, 2025 - 11:05 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में एक अहम बैठक हुई। करीब 2 घंटे 45 मिनट चली इस मीटिंग में कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें रूस-यूक्रेन युद्ध सबसे अहम था। लेकिन इस मुलाकात के बाद जो सबसे चौंकाने वाला बयान आया, वो था भारत को लेकर।
भारत पर दबाव बना, रूस बातचीत को हुआ मजबूर: ट्रंप का दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारत पर टैरिफ की धमकी ने रूस को बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर कर दिया। ट्रंप ने बताया कि जब अमेरिका ने भारत को चेतावनी दी कि अगर वह रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा तो उस पर भारी आयात शुल्क लगाया जाएगा, तब भारत ने धीरे-धीरे पीछे हटना शुरू कर दिया। ट्रंप के अनुसार, भारत रूस के लिए एक बड़ा और अहम ग्राहक था और जैसे ही भारत ने रूसी तेल से दूरी बनानी शुरू की, रूस को एक बड़ा झटका लगा। ट्रंप ने कहा, "जब हमने भारत से कहा कि आप रूस से तेल खरीदना बंद करें वरना भारी टैरिफ लगेगा, तो भारत को रूसी तेल से हाथ धोना पड़ा।" इसके बाद, पुतिन ने खुद पहल करते हुए फोन पर बात की और मिलने की इच्छा जताई। ट्रंप का मानना है कि यह अमेरिका की सख्त आर्थिक नीति का ही असर है कि रूस अब बातचीत के लिए तैयार हुआ है।
भारत की सख्त स्थिति: तेल खरीद में कोई रुकावट नहीं
ट्रंप के दावों के बावजूद भारत ने अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा है कि उसकी तेल खरीद पूरी तरह आर्थिक आधार पर तय होती है और रूस से तेल आयात पर कोई रोक नहीं लगी है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन एएस साहनी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखकर ही तेल की खरीद करता है। साथ ही, विदेश मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए जाने वाले टैरिफ को अनुचित और एकतरफा करार दिया है। भारत ने साफ तौर पर कहा है कि उसकी प्राथमिकता अपनी ऊर्जा सुरक्षा को बनाए रखना है और इसी के आधार पर वह अपने फैसले लेगा।
क्या लगेगा भारत पर टैरिफ? 27 अगस्त है अहम तारीख
ट्रंप सरकार ने संकेत दिया है कि यदि जरूरत पड़ी तो भारत पर 25 फीसदी का आयात शुल्क लगाया जा सकता है, खासकर तब जब भारत रूस से तेल की खरीद जारी रखे। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होने की संभावना है। हालांकि, पुतिन से हुई हालिया बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि इस फैसले को कुछ हफ्तों के लिए टाला जा सकता है। ट्रंप ने भी कहा है कि पुतिन से बातचीत के बाद फिलहाल इस मामले पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और उन्हें इस पर दो-तीन हफ्ते बाद फिर से विचार करना होगा।
बैठक रही बेनतीजा, लेकिन बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा
ट्रंप और पुतिन की यह बैठक यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए कोई ठोस समाधान नहीं दे सकी। दोनों नेताओं के बीच बातचीत सकारात्मक रही, लेकिन वे किसी भी तरह के समझौते पर पहुंच नहीं पाए। बैठक के तुरंत बाद पुतिन ने अगली रूस-अमेरिका समिट मॉस्को में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। इस पर ट्रंप ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रस्ताव कुछ विवाद पैदा कर सकता है और आलोचना का सामना भी करना पड़ सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता।
बैठक के दौरान एक और अहम बात सामने आई जब पुतिन ने कहा कि अगर 2022 में ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते, तो शायद यूक्रेन युद्ध की नौबत नहीं आती। ट्रंप ने भी इस बयान को गंभीरता से लिया और कहा कि वह स्थिति को बेहतर तरीके से संभाल सकते थे।