अगस्त महीने में शुरू हो सकती है मां शारदा की यात्रा, पी.ओ.के. को होगा आर्थिक फायदा

punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2018 - 08:47 AM (IST)

अमृतसर: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों और सीमा पर लगातार गोलीबारी की घटनाओं के बीच भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) स्थित मां शारदा के दर्शनों की संभावनाएं बनने लगी हैं। यह प्राचीन धार्मिक स्थल नियंत्रण रेखा से मात्र 24 कि.मी. की दूरी पर मौजूद है। 


पाकिस्तान के हिन्दू नेता डा. महेश कुमार मालनी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पी.ओ.के. की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चौधरी मोहम्मद इब्राहिम जिया ने कश्मीरी पंडितों की मांग पर स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि कश्मीर के लोगों के लिए माता शारदा के दर्शनों के लिए उचित व्यवस्था का प्रबंध करें। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इस मामले पर अभी अपना कोई बयान नहीं दिया है। डा. मालनी ने उम्मीद जताई है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगस्त महीने में भारतीय कश्मीर से मां शारदा की यात्रा शुरू हो सकती है। 


उन्होंने बताया कि भारत-पाक के बीच जारी तनाव के बावजूद दोनों देशों में व्यापार और धार्मिक यात्राएं चल रही हैं। फिर मां शारदा की यात्रा भला क्यों शुरू नहीं हो सकती। डा. मालनी ने हाल ही में अमृतसर आए पाकिस्तानी हिन्दुओं की वीजा अवधि बढ़ाए जाने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार प्रकट किया।

 

18 महाशक्ति पीठों में एक है मां शारदा तीर्थ
नीलम और मधुमती नदियों के संगम पर स्थित मां शारदा तीर्थ 18 महाशक्ति पीठों में से एक है, जिसकी प्रसिद्धि कभी पूरे दक्षिण एशिया तक फैली हुई थी। माना जाता है कि भगवान शिव जब अपनी पत्नी सती को कंधे पर उठाकर ले जा रहे थे तो उनका दायां हाथ जहां गिरा, वहीं पर बाद में मां शारदा मंदिर का निर्माण हुआ। इस स्थल पर विश्वविद्यालय की स्थापना की गई, जहां पूरे विश्व से हिन्दू और बौद्ध धर्म से जुड़े लोग शिक्षा प्राप्त करने आते थे। ऐसे लोगों में भारत के अलावा अफगानिस्तान, म्यांमार, कम्बोडिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और भूटान के नागरिक शामिल रहते थे।


समय की मार ने छीन ली रौनक 
इस वक्त मां शारदा शक्ति पीठ के अवशेष ही बचे हैं। प्राकृतिक आपदाओं और आक्रमणकारियों के हमलों ने इस शान और आभा को छीन लिया। यह स्थल मुजफ्फराबाद से लगभग 65 कि.मी. और श्रीनगर से 112 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। मां शारदा पीठ की यात्रा खुलने से पी.ओ.के. के लोगों को आर्थिक फायदा पहुंचेगा, जो भारतीय वहां जाएंगे, उन्हें वहां रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की जरूरत महसूस होगी।


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