डिजिटल पेमेंट्स और ट्रांजैक्शंस पर लगते हैं इतने टैक्स और चार्जेस

punjabkesari.in Tuesday, Nov 07, 2017 - 09:36 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटंबदी के बाद ऑनलाइन पेमेंट्स से लेकर मोबाइल वॉलिट और ऑनलाइन ट्रांसफर तो हमने शुरू कर दिया लेकिन इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होगी कि इसके लिए कितना टैक्स या चार्ज चुकाना पड़ता है। 

नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT)
इसके जरिए वन-टु-वन फंड्स ट्रांसफर किए जाते हैं। इंटरनेट बैंकिंग या बैंक ब्रांच में जाकर इस सुविधा का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए कितना भी पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है लेकिन इसका चार्ज आपको देना पड़ता है। इन ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगता है और यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध नहीं होती है। इसके अलावा रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के जरिए ज्यादा अमाउंट को खाते में ट्रांसफर करने के लिए इस सुविधा का प्रयोग किया जाता है। इसके जरिए न्यूनतम 2 लाख रुपए ट्रांसफर करने होते हैं। इमीडियेट पेमेंट सर्विस (IMPS) सर्विस का लाभ आप 24 घंटे में कभी भी उठा सकते हैं। हालांकि इसके जरिए अधिकतम 2 लाख रुपए ही ट्रांसफर किए जा सकते हैं। 

मोबाइल ऐप के जरिए पेमेंट 'मोबाइल वॉलिट्स' 
मोबाइल ऐप के जरिए आप पेमेंट करते हैं और सेम वॉलिट में पैसा ट्रांसफर भी कर सकते हैं। हालांकि, पेमेंट करने या अकाउंट में पैसा ऐड करने का कोई चार्ज नहीं लगता है लेकिन मोबाइल वॉलिट से बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने पर चार्ज वसूला जाता है। पेटीएम 3 प्रतिशत चार्ज मोबाइल वॉलिट से बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर करने का लेता है और मोबिक्विक 4 फीसदी सेवाकर लेता है।

क्रेडिट-डेबिट कार्ड और पेमेंट्स बैंक
ये सीमित सुविधाएं कस्टमर्स को देते हैं। एयरटेल पेमेंट्स बैंक और पेटीएम पेमेंट बैंक उदाहरण हैं। मोबाइल वॉलिट्स से इतर ये जमा राशि पर इंट्रेस्ट भी देते हैं और यह 1 लाख रुपये तक डिपॉजिट ही ले सकते हैं। एयरटेल पेमेंट्स बैंक एक साल में 7.25 प्रतिशत की ब्याज देता है जबकि पेटीएम 4 फीसदी की। एयरटेल कैश निकालने पर 0.65 प्रतिशत चार्ज वसूलता है। डिजिटल पेमेंट के लिए सबसे ज्यादा कार्ड्स का इस्तेमाल किया जाता है। डेबिट कार्ड पर मूलत: दो तरह के चार्ज होते हैं, एक वार्षिक रकम जो बैंक कस्टमर से वसूलता है। दूसरा कन्वीनियेंस फी जो कार्ड स्वाइप करते वक्त मर्चेंट आउटलेट्स लेते हैं। वहीं, क्रेडिट कार्ड पर डेबिट कार्ड से ज्यादा चार्ज वसूले जाते हैं। क्रेडिट कार्ड्स पर वार्षिक फीस, रिन्यूअल फीस और कन्वीनियेंस फीस लगती है। 


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