इस देश में दी जा रही कंगारू का मांस खाने की सलाह!

punjabkesari.in Thursday, Sep 14, 2017 - 04:30 PM (IST)

मेलबर्न: कंगारू ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पशु है लेकिन फिर भी यहां के पर्यावरणविदों द्वारा इसका मांस खाने की सलाह दी जा रही है। दरअसल जंगली कंगारुओं की संख्या नियंत्रित करने के लिए लोगों को कंगारू का मांस अधिक खाने की सलाह दी जा रही है। 
PunjabKesariसरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2010 में देश में कंगारुओं की संख्या लगभग 2 करोड़ 70 लाख थी जो साल 2016 में बढ़कर करीब साढ़े 4 करोड़ पहुंच गई जो वहां के लोगों की आबादी से लगभग दोगुनी है। ऑस्ट्रेलिया में कंगारुओं को मारने को लेकर सख्त कानून हैं और हर प्रांत में मारे जाने वाले कंगारुओं की संख्या निर्धारित है।लेकिन विशेषज्ञों को ये डर भी है कि गर्मियों में सूखा पड़ने से भी कई लाख कंगारू भूखे भी मर सकते हैं।
PunjabKesariएडिलेड यूनिवर्रसिटी के प्रोफेसर डेविड पैटन ने मीडिया से कहा,"लोगों को पर्यावरण की रक्षा करने और मृत पशुओं को सड़ने से बचाने के लिए कंगारुओं को मारे जाने का समर्थन करने की जरूरत है।"
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पैटन कहते हैं, "बड़ी तादाद में उपलब्ध होना कंगारू की गलती नहीं है वजह शायद ये है कि हम ही उन्हें मारने के प्रति अनिच्छुक हैं। यदि उन्हें जल्द ही नहीं हटाया गया तो ये नुकसानदेह हो सकता है।" बता दें कि हर साल कंगारुओं को मारने के बाद ये विवाद पैदा होता है कि कंगारुओं को मारने से पर्यावरण पर कोई असर होता भी है या नहीं। लेकिन इन कंगारुओं का मांस आमतौर पर बर्बाद हो जाता है क्योंकि इसकी मांग बहुत कम है। मांस समर्थकों का कहना है कि कंगारू के मांस में फैट कम होता है और ये अन्य जानवरों की तरह मीथेन गैस भी कम उत्सर्जित करते हैं इसलिए इन्हें पालना पर्यावरण के लिए अधिक लाभकारी है।


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