जन्मदिन पर नहीं करने चाहिए ये काम, शनि शत्रु बन जाते हैं

punjabkesari.in Friday, Aug 11, 2017 - 07:36 AM (IST)

अपना जन्मदिन किसे अच्छा नहीं लगता, उसे खास बनाने के लिए हर कोई विशेष प्रयास करता है। कई बार कुछ स्पैश्ल करने के चक्कर में कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिसके घातक परिणाम सारा वर्ष भुगतने पड़ते हैं। ज्योत‌िषशास्‍त्र के अनुसार जन्म‌द‌िन से व्यक्त‌ि की साल भर की कुंडली बनती है। इस दिन को अच्छे से मनाने पर पूरा साल खुशियों से भरा रहता है। कई बार हम कुछ ऐसे कार्य करते हैं जिससे ग्रह हमारे अनुकूल नहीं होते अौर पूरा वर्ष खराब रहता है। इसलिए हमें ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिनका अशुभ प्रभाव हमारे जीवन पर पड़े।

 
जन्मदिन के दिन शराब पीने से शनिदेव अप्रसन्न हो जाते हैं। शास्‍त्रानुसार जो शराब का सेवन नहीं करता वह साढेसाती में भी चिंतित नहीं होता परंतु मदिरा पीने वाले को कष्ट झेलने पड़ते हैं।

 
जन्मदिन वाले दिन भूल कर भी बाल अौर नाखून न काटें ये उम्र के लिए शुभ नहीं माना जाता।

 
इस दिन अपने जश्न के लिए जीव हत्या न करें अर्थात मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आशीर्वाद की जगह श्राप मिलता है अौर बीमारियों एवं विवादों को सहना पड़ता है।

 
घर पर आए भिखारी अौर साधु को खाली हाथ न जानें दें उन्हें दान व भोजन करवाकर भेजें। ऐसा करने से आयु अौर स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

 
इस दिन दुश्मनों से भी प्यार से मिलना चाहिए। इस दिन लड़ाई-झगड़े करने से पूरा साल वाद-वीवाद ही होते रहते हैं। 

 
शास्त्रानुसार गंगा जल को पानी में मिलाकर स्नान करना शुभ होता है। गर्म पानी से स्नान न करें।

 
जन्मद‌िन के द‌िन माता-प‌िता और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना न भूलें। 

 

जन्मदिन पर अवश्य करें ये काम, होगी दीर्घायु 
जन्मदिन के दिन दीपक व मोमबत्ती को बुझाना नहीं चाहिए। हिंदू मान्यता के अनुसार शुभ कार्यों में प्रज्वलित दीपक को बुझाने से व्यक्ति नरक की यातनाएं भोगता है। जन्मदिन के दिन जितने वर्ष की उम्र होती है उतने ही दीपक किसी मंदिर में दान करने शुभ होते हैं। 

 
जन्मदिन पर अष्टचिरंजीवी की पूजा अौर स्मरण करना चाहिए। अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि ये आठ चिरंजीवी हैं जिन्हें अमरत्व प्राप्त है। अष्टचिरंजीवी को प्रणाम करें। जितनी बार हो सके इस मंत्र का जाप करें।
 
अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषणः। कृपः परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविनः।।
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

अर्थात: अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि को प्रणाम है। प्रतिदिन सुबह इन नामों के स्मरण से सारी बीमारियां दूर होती हैं अौर व्यक्ति को दीर्घायु की प्राप्ति होती है। 

 
ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।


जन्मपत्री पर मोली बांधे अौर हर साल एक-एक गांठ बांधते जाएं। 


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