Teacher's Day: जो साधारण को भी असाधारण बना दें, एेसे होते है शिक्षक

punjabkesari.in Tuesday, Sep 05, 2017 - 01:27 PM (IST)

नई दिल्ली : शिक्षक यानि गुरु का महत्व किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे बढ़ कर होता है पुराने समय से ही गुरु को सबसे ऊंचा माना गया है । चाहे वह अर्जुन को महान धनुषधारी बनाने वाले द्रोणाचार्य हो या अशोक को महान समाट् बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले गुरु चाणक्य हो। शिक्षक ही विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता। आज शिक्षक दिवस के अवसर पर जानते है आधुनिक और पुरातन समय के दो महान शिक्षकों के विचारों के बारे में 

साधारण जन को भी योद्धा बना सकता है :चाणक्य
एक योद्धा युद्ध जीतकर सिखा सकता है, लेकिन एक शिक्षक साधारण जन को युद्ध जीतने योग्य बना सकता है । युद्ध को जीतने की चुनौती , उस युद्ध के लिए अच्छे योद्धाओं को ढूढ़ने में नहीं , चुनौती है उन्हें साधारण लोगों को युद्ध का कारण बता कर उन्हें आसाधरण बनाने में है । जो एक शिक्षक ही उन्हें सिखा सकता है। शिक्षक भाग्य निर्माता भी है। वहीं सिखाता है कि विचारों को वंश में रखो, यही तुम्हारी वाणी बनेंगे। वाणी को वंश में रखो, यहीं तुम्हारा कर्म बनेगी। कर्माें के वंश में रखो,यहीं तुम्हारी आदतें बनेंगे। आदतों को वश में रखो, यहीं तुम्हारा चरित्र बनेंगी, और चरित्र को वंश में रखो, क्योंकि इसी से तुम्हारा भाग्य बनेंगा।   

जो कल की चुनौती के लिए तैयार कर देता है : डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 
सच्चा टीचर वही है जो हमारे लिए सोचने में मदद करे। वह नहीं जो छात्रों के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंस दे, बल्कि जो उसे आने वाले कल की चुनौती के  लिए तैयार करें।शिक्षक की पहचान इस बात से भी है कि वह खुद भी ताउम्र सीखता रहे। इतना ही नहीं अपने छात्रों से सीखने में भी कोई परहेज ना करें। वही उसकी दी गई शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति के रुप में सामने आना चाहिए। एेसा व्यक्ति जो एेतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं  के खिलाफ लड़ सके। इतना ही नहीं यदि शिक्षा सही प्रकार से दी जाए तो समाज से इनेक बुराईयों को मिटाया जा सकता है 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News