दिवाली पूजा के बाद गाएं ये आरती, बढ़ेगी दौलत-शोहरत

punjabkesari.in Thursday, Oct 19, 2017 - 11:23 AM (IST)

दीपावली मुख्यत: महालक्ष्मी की आराधना का पर्व है, लेकिन इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ माता सरस्वती और भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है। इसके पीछे एक विशेष कारण छिपा है। यह कारण है कि जो धन-सम्पदा हमारे पास है हम अपने विवेक का इस्तेमाल करके उसका सही ढंग से प्रयोग करें। उसका गलत उपयोग न हो और हम अपने जीवन को कलात्मक ढंग से जीएं। माता लक्ष्मी धन, ऐश्वर्य एवं सुख-समृद्धि की स्वामिनी मानी जाती हैं और गणेश जी सम्पूर्ण ऋद्धि-सिद्धियों के दाता माने जाते हैं। अत: लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा भी प्रारंभ हो गई। 


सिद्धि एवं सम्पन्नता दायक मंत्र
दीपावली के इस पर्व पर निम्रलिखित मंत्रों में से किसी भी मंत्र का अनुष्ठान करने से कारोबार में सफलता और जीवन में सम्पन्नता मिलती है : 
ॐ हीं क्लीं महालक्ष्मयै नम:।


ॐ हीं अष्टलक्ष्मयै नम:।


ॐ श्री हीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं हीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम:।


ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रणवाय धनधान्यधिपतये धन धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा।


दिवाली पूजा के बाद दौलत-शोहरत बढ़ाने के लिए गाएं ये आरती


आरती श्री लक्ष्मी जी की

ॐ जय लक्ष्मी माता, 
(मैया) जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निसदिन सेवत, 
हर-विष्णु-विधाता।।ॐ।।


उमा, रमा, ब्रह्माणी 
तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा, ध्यावत, 
नारद ऋषि गाता।।ॐ।।


दुर्गारूप निरंजनि, 
सुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, 
ऋद्धि-सिद्धि पाता।।ॐ।।

तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता।।ॐ।।

जिस घर तुम रहतीं, 
तहॅं सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, 
मन नहीं घबराता।।ॐ।।


तुम बिन यज्ञ न होते, 
वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, 
सब तुमसे आता।।ॐ।।


शुभ-गुण-मंदिर सुंदर, 
क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, 
कोई नहीं पाता।।ॐ।।


महालक्ष्मी जी की आरती, 
जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता, 
पाप उतर जाता।। ॐ।।
 


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