स्पैक्ट्रम नीलामी अगले वित्त वर्ष में करवाने का सुझाव

punjabkesari.in Saturday, Sep 02, 2017 - 09:55 AM (IST)

नई दिल्ली: दूरसंचार क्षेत्र के वित्तीय हालात पर विचार करने के लिए गठित अंतर मंत्रालयी समूह (आई.एम.जी.) ने सुझाव दिया है कि स्पैक्ट्रम नीलामी का अगला चरण अगले वित्त वर्ष में होना चाहिए। मौजूदा साल में यह नहीं होनी चाहिए।आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘समूह आई.एम.जी. ने स्पैक्ट्रम नीलामी अगले वित्त वर्ष में करने तथा नीलामी से पहले 2300 बैंड में 20 मैगाहर्ट्ज स्पैक्ट्रम उपलब्ध करवाने की सिफारिश की है।’’

उन्होंने बताया कि समूह ने स्पैक्ट्रम का भुगतान मौजूदा 10 साल की बजाय 16 किस्तों (16 साल) में करने की सुविधा दिए जाने का भी सुझाव दिया है। इसके साथ ही समूह ने जुर्माने पर ब्याज दर में कटौती की वकालत करते हुए प्रधान उधारी दर (पी.एल.आर.) की बजाय कोष की सीमांत लागत आधारित दर (एम.सी.एल.आर.) पद्धति अपनाने की सलाह दी है। इस सिफारिश के हिसाब से कंपनियों को मौजूदा हालात में लगभग 2 प्रतिशत अंक की राहत मिल सकती है। दूरसंचार आयोग की बैठक 8 सितम्बर को होनी है जिसमें आई.एम.जी. की सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। समूह ने स्पैक्ट्रम नीलामी भुगतान के लिए ब्याज के बारे में कोई सिफारिश नहीं की है। इसने नई दूरसंचार नीति के तहत लाइसैंस शुल्क व स्पैक्ट्रम उपयोग शुल्क में कटौती की सिफारिश भी की है।
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कॉल ड्रॉप की दर में 8 प्रतिशत की कमी: सिन्हा
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने आज कहा कि देश में कॉल ड्रॉप की दर में बीते एक साल में 8 प्रतिशत की कमी आई है तथा इस साल के आखिर तक इसमें इतनी ही और कमी लाने का लक्ष्य है। सिन्हा ने कहा कि कॉल ड्रॉप से आशय मोबाइल पर बात करते समय कॉल अचानक बीच में ही कट जाने से है। ग्राहक संगठन जहां इसको लेकर ङ्क्षचता जताते रहे हैं वहीं दूरसंचार कंपनियों की खासी आलोचना हुई है। सिन्हा ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने अपने लिए तय लक्ष्यों को पूरा किया है। दूरसंचार कंपनियों ने 100 दिन में 60,000 बेस स्टेशन बी.टी.एस. स्थापित किए हैं। एक साल में 3.49 लाख बी.टी.एस. स्थापित किए गए हैं। 


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