80:20 गोल्ड स्कीम पर रघुराम राजन ने दिया बड़ा बयान

punjabkesari.in Wednesday, Mar 14, 2018 - 09:33 AM (IST)

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सोना आयात की 80:20  योजना पर उठ रहे सवालों के बीच कहा कि इसे उदार बनाने में उपयुक्त मानदंडों का पालन किया गया था। योजना को मई 2014 में उस समय उदार बनाया गया था जब केंद्र सरकार में बदलाव हो रहा था। योजना में संशोधन से अग्रणी एवं बड़े व्यापारिक घरानों को सोना का आयात करने की छूट मिली थी।

भारत के महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक (कैग) ने पाया है कि इस संशोधन के बाद जून 2014 से नवंबर 2014 के बीच 13 व्यापारिक घरानों को 4,500 करोड़ रुपए का भारी- भरकम लाभ हुआ था। राजन उस समय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे तथा पी. चिदंबरम तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री थे। राजन ने 80:20 योजना में सरकार के बदलाव के वक्त संशोधन किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रिजर्व बैंक की कोशिश यह देखने की थी कि योजना के संशोधन में उपयुक्त मानदंडों का पालन किया जा रहा था या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा काम यह देखना था कि बदलाव तार्किक आधार पर किया जा रहा है या नहीं। मैं जारी परिपत्र तथा हो रही चर्चा से पीछे जाने में सक्षम नहीं था।’’

राजन ने कहा, ‘‘इस मामले में यही हुआ कि विभाग ने इस पर नजर रखी और सरकार से संवाद किया। लेकिन गवर्नर होने के नाते रिजर्व बैंक के कदमों की मैं जिम्मेदारी लेता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वाणिज्य मंत्रालय के व्यापार विभाग के पास यह अधिकार है कि वह किसे स्टार निर्यातक, स्टार व्यापारिक घराना, प्रमुख निर्यातक आदि नामित करता है। जहां तक मैं समझता हूं, इस अधिकार का इस्तेमाल यह बताने में किया गया कि ये वे लोग हैं जो आयात कर सकते हैं।’’ राजन ने कहा कि बाजार पर लागू किए जाने वाले किसी भी अन्य प्रावधान की तरह इस मामले में भी ऐसे लोग रहे जिन्होंने पैसे कमाया और जिन्होंने पैसे नहीं कमाया। उन्होंने कहा, ‘‘जिन्होंने पैसे नहीं कमाया उन्होंने पैसे कमाने वाले लोगों पर सवाल खड़ा किए लेकिन पैसे कमाने वाले लोग अन्य लोगों पर सवाल उठाते रहे।’’     


 


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