जल्द ही कम होगी प्याज की कीमतें: कृषि सचिव

punjabkesari.in Tuesday, Aug 08, 2017 - 05:11 PM (IST)

नई दिल्ली : टमाटर की कीमतों में बढ़ोत्तरी के बाद प्याज के दाम भी आपकी आखों में पानी ला सकते, क्योंकि एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि प्याज कीमतों में वृद्धि एक तात्कालिक मामला है तथा अगले माह से नई फसल के आने के बाद स्थति में सुधार होगा। कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने कहा कि अगले माह तक घरेलू मांग को पूरा करने के लिए प्याज की पर्याप्त आर्पूति है तथा सरकार प्याज के थोक और खुदरा बिक्री मूल्य की करीब से निगरानी रख रही है।  

कीमतों में वृद्धि का तात्कालिक मामला 
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मेट्रो शहरों में प्याज का खुदरा मूल्य 32 से 40 रुपये किलो  के दायरे में है। पटनायक ने ,‘‘कुछ थोक बिक्री बाजारों में प्याज की कीमत 20 से 22 रुपये प्रति किलो के दायरे में है। हम कीमतों की करीब से निगरानी कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि यह मूल्य वृद्धि अधिक समय तक रहेगी। यह तात्कालिक मामला है। कीमतों में कमी होगी।’’     

कमजोर बरसात के कारण प्रभावित हुई फसल
कमजोर बरसात के कारण फसल प्रभावित हुई है। इसलिए जल्दी तैयार होने वाली खरीफ प्याज, जो अभी तक कर्नाटक से आ जाना चाहिये था, अभी तक मंडियों में नहीं आई है,हालांकि कृषि सचिव ने विश्वास जताया कि आंध्र प्रदेश जैसे राज्य से मंडी में फसल के आने के बाद अगले महीने से आर्पूति की स्थिति में सुधार होगा। कुछ राज्यों में विशेषकर आंध्र प्रदेश में जल्दी तैयार होने वाली खरीफ प्याज को खेतों से पहले से ही निकाला जा रहा है।  इससे आपूर्ति में सुधार होगा और आने वाले दिनों में कीमतों में गिरावट आयेगी। राजस्थान में कुछ स्थानीय प्याज की उपलब्धता से आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा। महाराष्ट्र के नासिक और लासालगांव में दरों में वृद्धि होने के मद्देनजर मौजूदा समय में ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में आंध्र प्रदेश के कुरनूल में जल्दी तैयार होने वाली खरीफ प्याज को बेचा जा रहा है। 

खरीफ उत्पादन में गिरावट आने की संभावना नहीं
महाराष्ट्र देश में प्याज का सबसे अग्रणी उत्पादक राज्य है। कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में छोड़कर खरीफ उत्पादन में गिरावट आने की संभावना नहीं है। कर्नाटक में कमजोर बरसात के कारण प्याज का उत्पादन प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि अन्यथा अधिकांश राज्यों में प्याज उत्पादन की बेहतर स्थिति है। पिछले सप्ताह नासिक स्थित राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के निदेशक पी के गुप्ता ने संकेत दिया था कि कुछ उत्पादक राज्यों में कमजोर बरसात के कारण इस वर्ष खरीफ प्याज के खेती के रकबे में 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। देश के कुल प्याज उत्पादन का करीब 30 से 40 प्रतिशत खरीफ सत्र में होता है और शेष रबी सत्र से प्राप्त होता है।


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