नया कानून लाने की तैयारी, आर्थिक अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त

punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2017 - 10:16 AM (IST)

नई दिल्ली: शराब किंग विजय माल्या जैसे भगौड़ों को कानून के शिकंजे में कसने के इरादे से केंद्र सरकार एक विधेयक लाने जा रही है। ‘फरार आर्थिक अपराधी विधेयक-2017’ नाम के इस विधेयक में ‘फरार आर्थिक अपराधियों’ की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। संसद से पारित हो जाने के बाद यह विधेयक आर्थिक अपराधों से जुड़े अन्य कमजोर आर्थिक अपराध कानूनों की जगह ले लेगा। सरकार ने इसके लिए बिल तैयार कर लिया है और आगामी 3 जून तक सभी हितधारकों, अन्य संबंधित लोगों और जनता से सुझाव मांगे गए हैं।

विशेष न्यायालय बनाने का प्रावधान
इस विधेयक के अनुसार कर्ज लेकर भाग जाने वाले, घोटाला करने वाले, एन.पी.ए. करने वाले अपराधियों को ‘आर्थिक अपराधी’ कहा जाएगा। ऐसे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए उन्हें ‘फरार आर्थिक अपराधी’ घोषित किया जाएगा। इसके लिए शोधन निरोधक अधिनियम (पी.एम.एल.ए.) के तहत ‘विशेष न्यायालय’ बनाने का भी प्रावधान है। इस न्यायालय का अस्तित्व तब तक बना रहेगा जब तक कथित भगौड़ा आर्थिक अपराधी भारत न आ जाए और अपने आपको न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत न कर दे।

बजट में किया गया था एेलान
इस विधेयक के अंतर्गत 100 करोड़ या उसके ऊपर के मूल्य के आर्थिक अपराध आएंगे। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि न्यायालयों के ऊपर अतिरिक्त बोझ न आए। बताते चलें कि वित्त मंत्री अरुण जेतली ने 1 फरवरी को पेश किए गए अपने बजट में इस संबंध में घोषणा की थी। जेतली ने कहा था कि सरकार कानूनी बदलाव करने या नया कानून लाने पर विचार कर रही है जिससे इस तरह के भगौड़ों की सम्पत्ति तब तक के लिए जब्त की जा सके जब तक कि वे उचित कानूनी मंच पर प्रस्तुत नहीं होते।

ये होंगे प्रावधान
इस विधेयक में दोषी करार दिए गए व्यक्ति का सम्पत्ति जब्त करने का प्रावधान रखा गया है। विधेयक में यह भी प्रावधान रखा गया है कि कानूनी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भारत आने से इंकार करने वाले व्यक्ति को ई-नोटिस जारी किया जाएगा। यह नोटिस उसके आधार या पैन कार्ड पते पर भेजा जाएगा। इसके बाद उसकी सम्पत्ति को जब्त किया जाएगा। इस जब्त सम्पत्ति द्वारा अर्जित राशि को उक्त व्यक्ति की धोखाधड़ी के शिकार ऋण देने वाले व्यक्तियों या संस्था को बांट दिया जाएगा। यह कानून बन जाने की स्थिति में सरकार उन सभी अपराधियों की सम्पत्ति जब्त कर सकेगी जो कि आर्थिक अपराध मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं लेकिन गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद खुद को बचाने के लिए वे विदेश भाग गए हैं।

इस कानून से विजय माल्या के प्रत्यर्पण में होगी और आसानी 
गौरतलब है कि केंद्र सरकार यह प्रस्ताव ऐसे वक्त में लेकर आई है जब विजय माल्या जैसे बड़े व्यवसायी भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर देश से फरार हो गए हैं। माल्या इस वक्त लंदन में हैं। भारत उनको वापस लाने के लिए लंबे वक्त से कोशिश कर रहा है लेकिन अभी तक उसे सफलता नहीं मिली है। भारत की अपील पर ब्रिटिश सरकार ने माल्या को गिरफ्तार किया था जिसके तुरंत बाद उन्हें जमानत भी मिल गई थी। हालांकि उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उम्मीद है कि इस कानून के बन जाने के बाद उनके प्रत्यर्पण में और आसानी होगी।

 


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