होम लोन सस्ते होने के कम है आसार, जानिए क्यों ?

punjabkesari.in Thursday, Apr 13, 2017 - 11:16 AM (IST)

नई दिल्ली: नया होम लोन लेने वालों के लिए पिछले 1 साल में होम लोन की दरें काफी कम हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अब होम लोन की दरें इससे ज्यादा नीचे नहीं जाएंगी। ज्यादातर होम लोन की दरें सीमांत निधि लागत पर आधारित ऋण दर यानी एम.सी.एल.आर. से जुड़ी हैं। रिजर्व बैंक ने प्रमुख दरों में कटौती का फायदा तुरंत ग्राहकों को देने और कर्ज की दर तय करने के नियमों में पारदर्शिता लाने के लिहाज से पिछले साल अप्रैल से एम.सी.एल.आर. नाम से नई व्यवस्था लागू की थी। होम लोन सस्ते होने का सबसे बड़ा कराण आर.बी.आई. द्वारा दरों में कटौती करना था।

नोटबंदी के बाद कीमतों में आई ज्यादा कमी
आर.बी.एल. बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव आहूजा ने बताया कि आर.बी.आई. ने अपनी फरवरी की मीटिंग में अपना रुख अनुकूल के बजाय तटस्थ स्थिति बनाने की ओर कर लिया है, इसलिए अब इसकी पॉलिसियों में रेट कट करने की उम्मीद कम है। नोटबंदी के बाद कीमतों में ज्यादा कमी आई है। एम.सी.एल.आर. में सबसे ज्यादा कमी नवंबर से जनवरी के बीच आई थी। उन्होंने कहा कि दरों में पहले ही इतनी कटौती हो चुकी है इसलिए अब कटौती की उम्मीद बहुत कम है।

होम लोन लेने वाले अपनाए यह तरीका
एक विशेषज्ञ ने बताया कि एम.सी.एल.आर. के आधार पर आधारित रेट, बेस रेट के आधार पर आधारित रेट से कम ही रहता है। लोन लेने वाले को बेस रेट से एम.सी.एल.आर. रेट पर शिफ्ट कर लेना चाहिए। यह दोनों ही अलग-अलग गणनाओं पर आधारित हैं और भविष्य में दोनों के बीच का अंतर कम हो सकता है। यह बेस रेट में गिरावट के कारण हुआ था। बेस रेट में उतनी गिरावट नहीं आई थी जितनी कि एम.सी.एल.आर. में आई थी इसलिए यहां फिर गिरावट की उम्मीद है।


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