प्रसिद्ध हिल्सा मछली को दशकों को बाद गंगा के ऊपरी भागों में चढ़ कर अंडे-बच्चे देने का रास्ता मिलेगा

punjabkesari.in Wednesday, Mar 31, 2021 - 10:59 PM (IST)

कोलकाता, 31 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के इलाकों की प्रसिद्ध मछली हिलसा लगभग चार दशक बाद इस साल अंडे-बच्चे देने गंगा के ऊपरी भागों में प्रयाग तक चढ़ सकती हैं। फरक्का बांध बनने के बाद हिलसा के लिए गंगा की उपरी धारा में चढ़ाई का रास्ता बंद हो गया था।

बिहार और पश्चिम बंगाल को बाढ़ से बचाने और पनबिजली के निर्माण के लिए इस बांध पर एक नया जलमार्ग फाटक बनया जा रहा है। इससे हिलसा को अगले कुछ महनों में ऊपर की धारा वाले क्षेत्रों में आ कर प्रजनन करने का मौका मिल सकता है।
लार्सन एंड टुब्रो जियोस्ट्रक्चर के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयाग) तक गंगा के किनारे मछली पालन करने वाले, शायद ताजा हिलसा का स्वाद चख सकेंगे, क्योंकि यह परियोजना फरक्का से आगे उनकी यात्रा के लिए रास्ता बनाएगी।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने जल मार्ग विकास योजना के एक भाग के रूप में मुर्शिदाबाद जिले में नए फरक्का नेविगेशन लॉक (फाटक) के लिए एलएंडटी जियोस्ट्रक्चर का अनुबंध किया था, और कहा कि यह हिलसा मछली को आगे की यात्रा के लिए आसान रास्ता देने की एक विशेष व्यवस्था करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1976 में पुराने फरक्का नेविगेशन लॉक के निर्माण के बाद इलाहाबाद तक गंगा में इस लोकप्रिय मछलियों की आवाजाही बंद हो गई थी।
एलएंडटी जियोस्ट्रक्चर के प्रमुख और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस कनप्पन ने कहा, ‘‘नया फरक्का नेविगेशन लॉक जून तक पूरा होने की उम्मीद है।’’ केंद्र ने वर्ष 2019 में कहा था कि हिल्सा के प्रजनन के मौसम पर शोध के आधार पर, हुगली-भागीरथी नदी प्रणाली से मुख्य गंगा नदी तक और इसके विपरीत धारा तक, मछलियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए जल-मार्ग फाटक के संचालन को विनियमित किया जाएगा।
कनप्पन ने कहा कि कोलकाता से लगभग 280 किलोमीटर दूर फरक्का में मौजूदा फाटक की बाधा के कारण, आईडब्ल्यूएआई ने एक नये नेविगेशन लॉक गेट का प्रस्ताव दिया था।अधिकारियों ने कहा कि नये फाटक पर लगभग 361 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
हिलसा आमतौर पर वर्षा के मौसम में बंगाल की खाड़ी से गंगा, ब्रह्मपुत्र और इरावदी नदियों तक जाती है।
यह मछली मुख्य रूप से जुलाई और अगस्त के दौरान प्रजनन करती हैं।


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PTI News Agency

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