ममता ने मोदी से कहा, कोयला खनन में शतप्रतिशत प्रतिशत एफडीआई के निर्णय पर पुनर्विचार करें
punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2020 - 06:37 PM (IST)
कोलकाता, 26 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोयला क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देने के केंद्र सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है।
ममता ने बृहस्पतिवार की रात भेजे गये इस पत्र में कहा, ‘‘मैं इस नीतिगत घोषणा पर अपनी गंभीर आपत्ति व्यक्त करती हूं। यह नीति न तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ला सकती है और न ही यह तकनीक ला सकती है।"
उन्होंने कहा, ‘‘हालिया चलन और अनुभवजन्य साक्ष्य स्पष्ट रूप से यह बताते हैं कि कोयला खनन परियोजनाओं की तुलना में वैश्विक निवेशकों की रुचि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में अधिक है। वास्तव में, शोध से पता चलता है कि लगभग 100 वैश्विक वित्तीय संस्थानों ने तापीय ऊर्जा के कोयला क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश किया है। अत: तापीय ऊर्जा वाले कोयला क्षेत्र में एफडीआई दूर की कौड़ी है।’’
मुख्यमंत्री ने चार सहायक कोयला कंपनियों के डेस्क कार्यालयों को अचानक राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के कोयला मंत्रालय के कदम पर भी आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से सीधे हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये, मैं आपसे कोयला क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करती हूं और कोल इंडिया लिमिटेड की चार सहयोगी कंपनियों का कार्यालय कोलकाता से बाहर ले जाने को लेकर कोयला मंत्रालय को ऐसा नहीं करने की सलाह देने व मामले में सीधा हस्तक्षेप करने आपसे आग्रह करती हूं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
ममता ने बृहस्पतिवार की रात भेजे गये इस पत्र में कहा, ‘‘मैं इस नीतिगत घोषणा पर अपनी गंभीर आपत्ति व्यक्त करती हूं। यह नीति न तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ला सकती है और न ही यह तकनीक ला सकती है।"
उन्होंने कहा, ‘‘हालिया चलन और अनुभवजन्य साक्ष्य स्पष्ट रूप से यह बताते हैं कि कोयला खनन परियोजनाओं की तुलना में वैश्विक निवेशकों की रुचि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में अधिक है। वास्तव में, शोध से पता चलता है कि लगभग 100 वैश्विक वित्तीय संस्थानों ने तापीय ऊर्जा के कोयला क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश किया है। अत: तापीय ऊर्जा वाले कोयला क्षेत्र में एफडीआई दूर की कौड़ी है।’’
मुख्यमंत्री ने चार सहायक कोयला कंपनियों के डेस्क कार्यालयों को अचानक राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के कोयला मंत्रालय के कदम पर भी आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से सीधे हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये, मैं आपसे कोयला क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करती हूं और कोल इंडिया लिमिटेड की चार सहयोगी कंपनियों का कार्यालय कोलकाता से बाहर ले जाने को लेकर कोयला मंत्रालय को ऐसा नहीं करने की सलाह देने व मामले में सीधा हस्तक्षेप करने आपसे आग्रह करती हूं।’’
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