राज्यों की उधार लेने की सीमा में वृद्धि को शर्तों से जोड़ना संघीय ढांचे के खिलाफ: ममता

punjabkesari.in Monday, May 18, 2020 - 10:42 PM (IST)

कोलकाता, 18 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यों के लिये उधार जुटाने की सीमा में की गयी वृद्धि के साथ शर्तें जोड़ने के केंद्र सरकार के कदम की सोमवार को आलोचना की और इसे देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया।

ममता ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा तय शर्तें पूरा करने के बाद ही राज्यों को बढ़ी सीमा के कर्ज जुटाने की छूट देने का कदम लोगों को मूर्ख बनाने के जैसा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं और अंतिम किस्त जारी करते हुए रविवार को कहा था कि राज्यों के लिये कर्ज लेने की सीमा में की गयी वृद्धि विशिष्ट सुधारों से जुड़े होंगे। ये सुधार ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ को अपनाने, कारोबार सुगमता, बिजली वितरण और शहरी व ग्रामीण निकायों के राजस्व को लेकर हैं।

उन्होंने कर्ज की सीमा बढ़ाने का ब्योरा देते हुए कहा था कि अतिरिक्त उधार की छूट विशिष्ट सुधारों से जुड़ी होंगी। तीन प्रतिशत की सीमा से ऊपर उधार की सीमा में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि बिना शर्त की जा सकेगी। इसके अलावा 0.25-0.25 प्रतिशत की चार किस्तों में कुल मिला कर एक प्रतिशत बढ़ा हुआ कर्ज स्पष्ट रूप से विनिर्दिष्ट, तुलनीय और व्यवहार्य सुधारों से जुड़ा हुआ होगा। इनमें से प्रत्येक किस्त एक विशिष्ट सुधार से जुड़ी होगी। यदि चार सुधारों में से तीन के लक्ष्यों को पा लिया जाता है तो अंतिम 0.50 प्रतिशत की वृद्धि का भी लाभ उठाने की छूट होगी।’’
ममता ने कहा, "यह (वृद्धि) महज 0.50 प्रतिशत है। अन्य 1.50 प्रतिशत मुझे तब मिलेगा, जब मैं कुछ शर्तों से सहमत होती हूं, जो कि संघीय ढांचे के खिलाफ जाते हैं। अत: यह एक बड़ा शून्य है... यह लोगों को बेवकूफ बनाना है।"
उन्होंने कहा, "हमने न झुकने और संघीय ढांचे की रक्षा करने का फैसला किया है। हम अपनी सरकार और उसके अधिकारों की रक्षा करेंगे। हम उनकी (भाजपा की) तरह नहीं हैं कि एक बार चुनाव खत्म होने के बाद हम चुनावी वादों को भूल जायेंगे।"



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PTI News Agency

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