मिसाल: बेटे ने सामाजिक बंधनों को तोड़ा, पिता के निधन के बाद कराई विधवा मां की दूसरी शादी

punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2023 - 05:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में कई सुधारवादियों की भूमि रहे कोल्हापुर में एक युवक ने अपनी 45 वर्षीय विधवा मां की जीवनसाथी की आवश्यकता और सामाजिक लांछन से लड़ने के लिए उसकी दूसरी शादी कराई। युवराज शेले (23) ने पांच साल पहले एक सड़क दुर्घटना में अपने पिता को खो दिया था। शेले ने बताया, “जब मैं महज 18 साल का था, तब अपने पिता को खोना मेरे लिए बड़ा सदमा था। लेकिन मेरे पिता की मौत का सबसे ज्यादा असर मेरी मां पर पड़ा, जिन्हें अकेलेपन से जूझना पड़ा और सामाजिक रूप से खुद को अलग-थलग महसूस करना पड़ा।” शेले ने महसूस किया कि उनके पिता की मौत के बाद उनकी मां को सामाजिक कार्यक्रमों में आमंत्रित किये जाने की संख्या में काफी अंतर आ गया और इसने उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित किया। 

शेले जब अपने परिवार का गुजारा करने लगा, तब उसे अपनी मां के लिए एक जीवनसाथी की जरूरत का एहसास हुआ क्योंकि वह पड़ोसियों के साथ कम बातचीत करती थी और घर पर अकेली ही रहती थी। शेले ने बताया, “मेरी मां ने मेरे पिता से लगभग 25 साल पहले शादी की थी। अगर कोई आदमी अपनी पत्नी को खो देता है, तो समाज सोचता है कि उसके लिए पुनर्विवाह करना स्वाभाविक है। मुझे आश्चर्य हुआ कि एक महिला पर यही चीज क्यों नहीं लागू होती और मैंने उन्हें पुनर्विवाह के लिए मनाने का फैसला किया।” शेले ने बताया कि पारंपरिक मूल्यों वाले कोल्हापुर जैसे शहर में अपने करीबी रिश्तेदारों और पड़ोसियों को मनाना आसान नहीं था। हालांकि, शेले ने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद से अपनी मां के लिए वर ढूंढ़ने का कठिन काम शुरू किया। 

शेले ने बताया, “सौभाग्य से मारुति घनवत के बारे में हमें कुछ संपर्कों के माध्यम से पता चला। हमने शादी के प्रस्ताव पर चर्चा की और उनके साथ शुरुआती बातचीत के बाद रिश्ता तय हो गया। वह अभी भी मेरे लिए एक विशेष दिन है, क्योंकि मैं अपनी मां के लिए ए नया जीवनसाथी ढूंढ पाया।”  घनवत ने बताया, “मैं कुछ सालों से एकाकी जीवन जी रहा था। रत्ना से मिलने और उससे बात करने के बाद मुझे लगा कि मैं इस परिवार के साथ रह सकता हूं और वे सच्चे लोग हैं। 

रत्ना के लिए पुनर्विवाह एक कठिन निर्णय था, क्योंकि वह अपने पूर्व पति को भूलने के लिए तैयार नहीं थी।” रत्ना ने बताया, “मैंने शुरू में इस पूरी कवायद का विरोध किया था। मैं अपने पति को भूलने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। लेकिन इस मुद्दे पर बात करने के बाद मुझे यकीन हो गया। मैंने खुद से यह भी पूछा कि क्या मैं वास्तव में अपने शेष जीवन के लिए अकेले रहना चाहता हूं,।” रत्ना ने दो हफ्ते पहले शादी की है। 


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Content Writer

Anil dev

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