जानें, विश्व प्रसिद्ध नियाग्रा फॉल्स की प्रसिद्धि का राज!

punjabkesari.in Tuesday, Oct 25, 2016 - 03:21 PM (IST)

पुराने समय का प्रीमियर हनीमून डेस्टिनेशन नियाग्रा फॉल्स अपनी आश्चर्यजनक भौगोलिक संरचना के कारण आज न केवल दुनियाभर के पर्यटकों का आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है बल्कि इससे अमेरिका और कनाड़ा दोनों ही देश इससे बहुत बड़ी मात्रा में बिजली उत्पादन भी कर रहे हैं।


नियाग्रा फॉल्स अमेरिका और कनाड़ा की अंतरराष्ट्रीय सीमा के मध्य स्थित तीन जल प्रपातों अमेरिकन फाल्स, हार्स शू (घोड़े की नाल) फाल्स, ब्राईडल वेल (दुल्हन का घुंघट) फाल्स का सामूहिक नाम है। ग्रेट लेक से आ रहे इस पानी पर सबसे बड़े हार्स शू फाल्स से 90 प्रतिशत पानी 170 फीट ऊंचाई से 5.5 बिलियन गैलन पानी प्रति घण्टे की रफ्तार से नीचे गिरता है। हार्स शू फाल्स की चैड़ाई एक सिरे से दूसरे सिरे तक 2600 फीट है। प्रति वर्ष गर्मियों में अमेरिका और कनाड़ा दोनों ओर से दुनियाभर के 12 मिलियन पर्यटक इसे देखने आते हैं।


पर्यटकों को रैनबो ब्रिज के पास से इन सभी फाल्स को एकदम करीब से देखने के लिए 1846 से चल रहे विश्वविख्यात Maid of the Myst (धुंध की दासी) का 30 मिनिट का टूर बोट से कराया जाता है। जिसमें सभी फाल्स के एकदम करीब ले जाया जाता है इस दौरान पर्यटकों को पानी बौछार से बचाने के लिए अमेरिका की साईड से आने वालों को ब्ल्यू कलर की और कनाड़ा की साईड से आने वालों को रेड़ कलर की रेन कोट पहनने को दिए जाते हैं।


नियाग्रा फॉल्स को देखने के लिए दुनियाभर के लोगों की इतनी दिवानगी के पीछे नियाग्रा फाल्स की वास्तुनुकूल भौगोलिक स्थिति ही है। नियाग्रा फॉल्स में पानी ग्रेट लेक से बहता हुआ दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर 170 से 180 फीट नीचे गिरता है। ऊंचाई का यह अन्तर तल पर पड़े पत्थरों के कारण है। इस प्रकार नियाग्रा फॉल्स की दक्षिण दिशा ऊंची और उत्तर दिशा नीची है। 


वास्तुशास्त्र के अनुसार दुनिया में कोई भी स्थान तब ही प्रसिद्ध हो पाता है जब उसकी उत्तर दिशा में गहराई होती है और यदि इसी गहराई के साथ पानी का जमाव भी हो जाए तो यह प्रसिद्धि चौगुनी हो जाती है।


इसी वास्तुनुकूल भौगालिक स्थिति के कारण नियाग्रा फॉल्स के विश्व में प्रसिद्ध है, जबकि दुनिया में नियाग्रा फॉल्स से भी बड़े दो फाल्स है। जिसमें से एक है विक्टोरिया फाल्स जो जाम्बिया और जिम्बाबवे की सीमा पर जाम्बेजि नदी पर बना दक्षिण अफ्रीका में स्थित है। विक्टोरिया फाल्स जिसे “The Smoke that Thunders” (धुएं की गर्जना) भी कहा जाता है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा फाल्स कहा जाता है। यह फाल्स उत्तर दिशा से दक्षिण दिशा की ओर बह रहा है।


इस प्रकार इसकी उत्तर दिशा ऊंची और दक्षिण दिशा नीची है। दूसरा फाल्स है इग्वाजू फाल्स, जो कि ब्राजील और अर्जेटीना की सीमा पर इग्वाजू नदी पर बना है। यह 275 फाल्स का समूह है। जिसमें ज्यादातर फाल्स की ऊंचाई 210 फीट है। इसमें सबसे बड़ा फाल्स यू शेप फाल्स जिसे  Devil’s Throat (शैतान का गला) कहते हैं। इग्वाजू नदी उत्तर दिशा से एक चैड़े पाट में बहती हुई दक्षिण दिशा की ओर आकर नीचे गिरती है और यहां से यू टर्न लेकर पुनः उत्तर दिशा की ओर ही चली जाती है। यू टर्न लेने के बाद इग्वाजू नदी के पाट बहुत संकरा हो जाता है। इस प्रकार इग्वाजू नदी में उत्तर दिशा की ओर ऊंचाई है और दक्षिण दिशा में गहराई और चौड़ाई भी है। इस प्रकार विक्टोरिया फाल्स और इग्वाजू फाल्स दोनों की भौगोलिक स्थिति वास्तुशास्त्र के प्रसिद्धि दिलाने वाले सिद्धान्तों के ठीक विपरीत होने के कारण यह दोनों फाल्स नियाग्रा फॉल्स की तुलना में बड़े होने के बाद भी उससे बहुत कम प्रसिद्ध है इसी कारण यहां पर्यटक भी बहुत कम आते हैं।

वास्तुगुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com


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