Vastu Tips For Mirror: घर में लगे ज्यादा शीशे ला सकते हैं परेशानी, जानें सही दिशा, संख्या और आकार
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 12:10 PM (IST)
Mirror Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र में शीशे को बेहद शक्तिशाली वस्तु माना गया है। यह केवल दीवार की सुंदरता बढ़ाने या चेहरा देखने के लिए ही नहीं होता, बल्कि घर की ऊर्जा, माहौल और परिवार की मानसिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव डालता है। सही दिशा में सही आकार का आईना जहां सकारात्मकता बढ़ाता है, वहीं गलत जगह रखा शीशा धन हानि, तनाव और अनचाही परेशानियों को आकर्षित कर सकता है। वास्तु के अनुसार शीशा घर की ऊर्जा को दोगुना कर देता है इसलिए यह जानना जरूरी है कि कौन-सी ऊर्जा को बढ़ाना है और कौन-सी से बचना है।

घर में कितने शीशे लगाने चाहिए?
घर में अनावश्यक रूप से बहुत अधिक शीशे लगाना अच्छा नहीं माना जाता। ज्यादा शीशे घर की ऊर्जा को अत्यधिक उछाल देते हैं, जिससे मानसिक बेचैनी और अस्थिरता बढ़ सकती है। यदि शीशा तिजोरी, पौधे या किसी शुभ वस्तु की छवि को प्रतिबिंबित करे, तो कई शीशों से भी लाभ मिलता है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है लेकिन बेडरूम, किचन और पूजा स्थान में अधिक शीशे से बचना चाहिए। आवश्यकता जितनी हो उतने ही शीशे रखें।

शीशा लगाने की सबसे शुभ दिशा
वास्तु के अनुसार दो दिशाएं शीशा लगाने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती हैं।

उत्तर (North Direction)
उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है, जो धन और समृद्धि के देवता हैं। यहां लगा शीशा धन-ऊर्जा को आकर्षित करता है। व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह दिशा विशेष लाभकारी होती है।

पूर्व दिशा (East Direction)
पूर्व दिशा सूर्य और सकारात्मकता का प्रतीक है। यहां लगा आईना घर में प्रकाश, उम्मीद और शांति को बढ़ाता है।

ध्यान रखें:
दक्षिण दिशा में कभी भी आईना नहीं लगाना चाहिए, इससे आर्थिक हानि हो सकती है। बेड पर सोते समय आपका प्रतिबिंब शीशे में नहीं दिखना चाहिए। यह मानसिक तनाव और वैवाहिक कलह का कारण बनता है।

शीशे का सही आकार क्या हो?
आईना खरीदते समय उसके आकार पर विशेष ध्यान दें-
चौकोर और आयताकार शीशे सबसे अधिक शुभ माने जाते हैं।
गोल और अष्टकोणीय (Octagonal) भी सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।
अनियमित, नुकीले या अजीब आकृतियों वाले आईने घर में नकारात्मकता बढ़ाते हैं।
बहुत बड़ा शीशा कमरे की ऊर्जा को असंतुलित कर देता है।
इसलिए बेहतर है कि मध्यम आकार का, साफ-सुथरा और बिना दरार वाला आईना ही प्रयोग करें।

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