आसाराम केस: पीड़िता ने लिखी PM मोदी को चिट्ठी, CBI से कराएं गवाहों की हत्या की जांच

punjabkesari.in Friday, Jul 24, 2015 - 03:19 PM (IST)

लखनऊ. आसाराम पर लगे बलात्कार के आरोपों के मामले के एक मुख्य गवाह की हत्या के बाद दुराचार की कथित पीड़ित लड़की ने अपने साथ हुई वारदात की सीबीआई जांच की मांग की है। आसाराम पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली 16 वर्षीय लड़की ने रविवार को बरेली में कहा मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करती हूं कि वह वर्ष 2013 में मेरे साथ किए गए बलात्कार मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दें। पीड़िता ने गुरुवार को इस संबंध में पीएम को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें मामले की सीबीआई जांच के साथ ही बाकी गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने की गुजारिश भी की गई है। 
 
पीड़िता ने ये चिट्ठी रजिस्टर्ड डाक से भेजी है। इसमें पीड़िता ने लिखा है कि जब से आसाराम जेल में बंद है, तब से एक के बाद एक गवाहों पर हमले हुए। तीन अब तक गवाहों की मौत हो चुकी है। छह अन्य गवाह गंभीर रूप से जख्मी है। इन घटनाओं की वजह से कई गवाहों को अपनी जान का खतरा भी सताने लगा है। इसलिए उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया है। लिहाजा प्रधानमंत्री इन चीजों पर गौर करें और गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराए।
 
शाहजहांपुर में किशोरी के साथ कथावाचक आसाराम द्वारा कथित दुष्कर्म प्रकरण के गवाह कृपाल सिंह को गत 10 जुलाई को शाहजहांपुर में मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने गोली मार दी थी। गम्भीर रूप से घायल सिंह की अगले दिन मौत हो गयी थी।शाहजहांपुर के मोहल्ला गदियाना चुंगी में रहने वाला सिंह आसाराम प्रकरण में कथित रूप से पीड़ित किशोरी के पिता का सहकर्मी था और वह कभी आसाराम का विश्वासपात्र रह चुका था।   
 
सिंह आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के मामले में अहम गवाह था। अपर नगर मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान में सिंह ने कहा था कि पिछले कई दिनों से आसाराम के गुर्गे शाहजहांपुर निवासी संजय, अजरू न और राघव उसे धमकी दे रहे थे। हमले में इन लोगों का हाथ होने की आशंका है । आसाराम प्रकरण के नौ गवाहों पर अब तक हमला हो चुका है जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है। गत जनवरी में मामले के एक अन्य गवाह की मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या दी गयी थी। आसाराम सितम्बर 2013 से जेल में हैं। उसी साल नवम्बर में उनके बेटे नारायण साई को भी गुजरात स्थित अपने एक आर्शम में दो लड़कियों से कथित बलात्कार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। 
 
पुलिस पर उठाए सवाल-
पीड़िता ने कहा है कि हाल ही में 10 जुलाई को गवाह कृपाल सिंह को गोली मारी गई और इलाज के दौरान 12 दिन पहले उनकी मौत भी हो गई। इस मामले में भी पुलिस कातिलों को नहीं पकड़ पाई। न पहले मुजफ्फरनगर में मारे गए गवाह अखिल गुप्ता और अमृत प्रजापति के हत्यारों का पता चला। गवाह महेंद्र चावला को गोली मारने वालों का भी पता नहीं चला। चिट्ठी के आखिरी पैराग्राफ में पीड़िता ने अपने पिता के खिलाफ आसाराम के गुर्गों द्वारा लगाए गए आरोपों को दरकिनार कर दिया है। उसका कहना है कि उसके परिवार को परेशान करने और तोडऩे के इरादे से ऐसा किया जा रहा है, ताकि वे समझौता कर लें। हालांकि, ऐसा नहीं होगा। जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक लड़ाई जारी रहेगी।

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