इस देश पर हमला करने की फिराक में चीन, 17 सैन्य विमान और 11 जहाज भेजे, सेना को पूरी तरह किया अलर्ट
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 03:04 PM (IST)

नई दिल्ली: ताइवान और चीन के बीच लगातार बढ़ता तनाव अब एक नए मुकाम पर पहुंच गया है। शुक्रवार सुबह एक बार फिर चीन ने ताइवान के करीब सैन्य गतिविधियों को अंजाम दिया, जिससे दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों में और भी तल्खी आ गई है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए अपनी सेना को पूरी तरह अलर्ट मोड पर डाल दिया है।
सुबह-सुबह सैन्य दबाव: चीन की घुसपैठ
ताइवान की सेना ने शुक्रवार सुबह 6 बजे तक के आंकड़े साझा करते हुए बताया कि चीन ने 17 पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैन्य विमान, 9 नौसैनिक युद्धपोत और 2 अन्य सैन्य जहाज ताइवान की सीमा के करीब भेजे। सबसे गंभीर बात यह रही कि इनमें से 9 विमान ताइवान स्ट्रेट की "मिडलाइन" को पार कर गए और सीधे ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में दाखिल हो गए।
ताइवान की तीव्र प्रतिक्रिया: सेना पूरी तरह अलर्ट
चीन की इस हरकत का जवाब देने के लिए ताइवान ने अपने लड़ाकू विमानों, नौसेना पोतों और ज़मीनी मिसाइल रक्षा प्रणालियों को तुरंत तैनात कर दिया। स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और चीन के हर कदम पर प्रतिक्रिया तैयार की जा रही है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इस घटनाक्रम को लेकर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी आधिकारिक जानकारी साझा की, जिसमें लिखा गया: "आज सुबह 6 बजे तक चीन के 17 सैन्य विमान, 9 युद्धपोत और 2 अन्य जहाज ताइवान के आसपास सक्रिय देखे गए। इनमें से 9 विमानों ने मिडलाइन पार की और ADIZ में प्रवेश किया। हमारी सेनाएं पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और आवश्यक प्रतिक्रिया दी जा रही है।"
चीन की रणनीति: 'ग्रे जोन वॉरफेयर'
विशेषज्ञों के अनुसार, चीन पिछले कुछ वर्षों से ताइवान पर दबाव बनाने के लिए "ग्रे जोन टैक्टिक्स" का सहारा ले रहा है। इस रणनीति के तहत वह सीधे युद्ध छेड़े बिना सैन्य, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाता है। बार-बार सीमाओं के पास सैन्य उपस्थिति दिखाकर चीन ताइवान को भयभीत करने और उसकी सैन्य तैयारियों को कमजोर करने की कोशिश करता है।
राष्ट्रपति विलियम लाई का कड़ा संदेश
इस घटनाक्रम पर ताइवान के राष्ट्रपति विलियम लाई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चीन की इन गतिविधियों को ताइवान की संप्रभुता और वैश्विक लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया। एक सैन्य बैठक में उन्होंने कहा: "आज का सुरक्षा परिदृश्य पहले से कहीं अधिक गंभीर हो गया है। चीन लगातार ताइवान स्ट्रेट में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहा है, जो न केवल हमारे लोकतंत्र के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।" राष्ट्रपति लाई ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा, "द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर आज तक एक बात साफ है – एकता से जीत होती है, आक्रामकता की हमेशा हार होती है।"
तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय चिंता
हाल ही में बीजिंग में रूस और उत्तर कोरिया के नेताओं की मौजूदगी में हुई सैन्य परेड को भी इस पूरे घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। इन गतिविधियों ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा संतुलन को और भी अस्थिर कर दिया है। ताइवान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि क्षेत्रीय शांति बनाए रखने में सहयोग करें, ताकि ताइवान स्ट्रेट किसी बड़े संघर्ष का केंद्र न बने।