उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने किया बड़ा ऐलान- EU के साथ व्यापार और रणनीतिक सहयोग बढ़ाएगा भारत
punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2025 - 04:51 PM (IST)
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इंटरनेशनल डेस्क: यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंची हैं। उनकी यह यात्रा भारत और यूरोपीय संघ (EU) के व्यापारिक और रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है। इस यात्रा के दौरान, वॉन डेर लेयेन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की योजना बनाई है। यात्रा के दौरान वॉन डेर लेयेन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, "संघर्षों और तीव्र प्रतिस्पर्धा के इस युग में आपको विश्वसनीय मित्रों की आवश्यकता होती है। यूरोप के लिए, भारत एक ऐसा मित्र और रणनीतिक सहयोगी है।" उन्होंने यह भी बताया कि वे प्रधानमंत्री मोदी से इस बात पर चर्चा करेंगी कि कैसे भारत और यूरोपीय संघ की रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाया जाए।
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि
वॉन डेर लेयेन ने अपनी यात्रा की शुरुआत राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित कर की। इस दौरान उन्होंने गांधी जी के "सार्वभौमिक शांति" के संदेश को याद किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, वॉन डेर लेयेन ने यात्रा के दौरान गांधी के योगदान और उनके विचारों को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उनका स्वागत किया और यात्रा को अत्यंत सकारात्मक बताया।
भारत-यूरोपीय संघ के व्यापार में वृद्धि की संभावनाएं
भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार लगभग 160 बिलियन डॉलर का है, और यूरोप में करीब 50 लाख भारतीय रहते हैं। इसके अलावा, भारतीय पेशेवरों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है, और ईयू की 'ब्लू कार्ड' वीज़ा योजना के तहत भारतीयों को ऐसे सभी वीज़ा का लगभग 20 प्रतिशत मिलता है। इस यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का विचार किया है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर चर्चा
इस यात्रा के दौरान भारत और यूरोपीय संघ के बीच लंबे समय से लंबित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। FTA के माध्यम से दोनों क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देने, बाज़ार तक पहुंच में सुधार लाने और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मज़बूत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। इसके अलावा, बाहरी अंतरिक्ष, रक्षा, जल प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग की दिशा में भी चर्चा की जाएगी।
भारत-ईयू रिश्तों की रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात की और इस यात्रा को भारत-यूरोपीय संघ रिश्तों को फिर से सक्रिय करने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "यूरोप के साथ भारत के जुड़ाव को फिर से सक्रिय करने के उनके विचारों की सराहना करता हूँ।" उन्होंने यह भी बताया कि इस यात्रा के दौरान भारतीय मंत्रियों और ईयू आयुक्तों के समूह की भागीदारी दर्शाती है कि भारत-ईयू संबंधों को कितना महत्व दिया जा रहा है।
भारत में यूरोपीय कंपनियों की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्तमान में 6,000 से अधिक यूरोपीय कंपनियां काम कर रही हैं, जो लाखों नौकरियों का सृजन कर रही हैं और आर्थिक विकास में योगदान दे रही हैं। यूरोपीय संघ और भारत के बीच बेहतर आर्थिक सहयोग से दोनों देशों के निवेश के रास्ते खुल सकते हैं और कारोबारी माहौल में और भी सुधार हो सकता है।
भारत-यूरोपीय संघ के रिश्तों में बढ़ोतरी के संकेत
यह यात्रा भारत और यूरोपीय संघ के रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के नए क्षेत्रों में विस्तार हो सकता है और रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर नई पहल की जा सकती है।