Cancer Treatment: क्या कैंसर ठीक कर सकते हैं इस फल के पत्ते? रिसर्च में हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा
punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 12:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है जिसने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ली है। आधुनिक चिकित्सा में इसके इलाज के कई विकल्प हैं लेकिन इन सभी के साथ कई साइड इफेक्ट्स भी आते हैं। ऐसे में वैज्ञानिक अब प्राकृतिक और वैकल्पिक इलाज की ओर ध्यान दे रहे हैं। हाल ही में सोरसोप (Soursop Leaves), जिसे दक्षिण भारत में लक्ष्मण फल के नाम से जाना जाता है, पर हुई एक रिसर्च ने चौंकाने वाले नतीजे सामने रखे हैं।
क्या है सोरसोप? (What is Soursop)
सोरसोप या ग्रेविओला (Annona muricata) एक फलदार पौधा है जो मुख्य रूप से मध्य और दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में भी उगाया जाता है। इसका फल स्वाद में खट्टा-मीठा होता है और इसके पत्तों में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इन पत्तों में टैनिन, फ्लेवोनोइड्स, एल्कलॉइड्स और सैपोनिन्स जैसे बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों की एक बड़ी वजह माने जाते हैं।
कैंसर के इलाज की पारंपरिक विधियाँ और उनकी चुनौतियाँ
कैंसर के इलाज के लिए अभी मुख्य रूप से सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी का सहारा लिया जाता है। हालांकि ये इलाज काफी महंगे और थकाने वाले होते हैं। इनके साथ बालों का झड़ना, थकावट, प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी और याददाश्त पर असर जैसे कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं। इसलिए अब वैज्ञानिक वैकल्पिक उपचार खोजने में लगे हैं जो कम नुकसानदेह हों।
सोरसोप पत्तियों पर हुई रिसर्च में क्या मिला? (Soursop Leaves for Cancer Treatment)
साल 2022 में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने सोरसोप के पत्तों पर एक रिसर्च की जिसमें उन्होंने इसके गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर के खिलाफ असर को जांचा। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने सोरसोप के पत्तों से कवक (fungus) निकाले और उनका विश्लेषण किया। इन कवकों को प्रयोगशाला में उगाया गया और उनके अर्क को कैंसर कोशिकाओं पर परखा गया।
रिसर्च में क्या मिला?
रिसर्च में वैज्ञानिकों को पांच ऐसे कवक मिले जिन्होंने कैंसर कोशिकाओं पर प्रभावशाली असर दिखाया। इनमें से SAR-SM2 नामक एक विशेष कवक ने सबसे अधिक प्रभावी कैंसर-रोधी गतिविधि प्रदर्शित की। इस कवक ने HeLa कोशिकाओं, जो कि गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की कोशिकाएं हैं, को प्रभावशाली रूप से नष्ट किया, जबकि सामान्य कोशिकाओं पर इसका असर बेहद कम पाया गया। इसका मतलब है कि यह कवक टारगेट करके केवल कैंसर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और शरीर की सामान्य कोशिकाएं लगभग सुरक्षित रहती हैं। डीएनए विश्लेषण से यह भी सामने आया कि SAR-SM2 कवक Penicillium crustosum प्रजाति से जुड़ा हुआ है। इस खोज से यह संकेत मिला कि इस कवक में मौजूद तत्वों का उपयोग भविष्य में कैंसर के इलाज के लिए नई दवा विकसित करने की दिशा में किया जा सकता है। यह रिसर्च कैंसर थेरेपी के लिए प्राकृतिक स्रोतों से समाधान खोजने की दिशा में एक आशाजनक कदम माना जा रहा है।
पिछले अध्ययनों से भी मिलते हैं प्रमाण
साल 2018 की एक समीक्षा (Review) में यह बताया गया था कि ग्रेविओला (Soursop) पौधे के ऊपर के हिस्से — जैसे कि पत्ते, तना और फल — में कैंसर-रोधी गुण होते हैं। ये गुण विशेष रूप से चूहों और कोशिकाओं पर किए गए प्रयोगों में सामने आए हैं। सोरसोप में मौजूद Acetogenins नामक यौगिक कैंसर कोशिकाओं को टारगेट कर उन्हें नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। ये यौगिक उन कोशिकाओं पर भी असर करते हैं जो पारंपरिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक हो गई होती हैं।
क्या वास्तव में सोरसोप से कैंसर का इलाज संभव है?
यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब तक की गई रिसर्च सिर्फ प्रयोगशाला और पशुओं पर केंद्रित रही है। अभी तक इंसानों पर कोई बड़ा क्लिनिकल ट्रायल नहीं हुआ है जिससे यह निश्चित रूप से कहा जा सके कि सोरसोप या उसके पत्ते कैंसर का इलाज कर सकते हैं। FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने भी सोरसोप को किसी भी बीमारी के इलाज के तौर पर मान्यता नहीं दी है। एजेंसी का कहना है कि बिना अनुमति ऐसे उत्पादों का प्रचार और उपयोग करना खतरनाक हो सकता है।
क्या आप सोरसोप का सेवन कर सकते हैं?
अगर आप सोरसोप का सेवन करना चाहते हैं तो इसे एक फल के रूप में खा सकते हैं। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं जो सामान्य स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। हालांकि इसे किसी औषधि के रूप में उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, खासकर अगर आप कैंसर के मरीज हैं या किसी और गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।