आखिर क्या होता है शहीदों के शवों से लिपटे तिरंगे क्या?

punjabkesari.in Tuesday, Jan 26, 2016 - 01:20 PM (IST)

नई दिल्ली: हमारी आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगे से जुड़ी कुछ ऐसी बातें हैं जिनके बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं होता है। आज हम आपको बता रहे हैं तिरंगे से लिपटे शहीदों अथवा किसी विशिष्ट व्यक्ति के शवों पर लपेटे गए तिरंगे का क्या होता है या फिर इसे कब नष्ट कर दिया जाता है। तिरंगे को फहराने की इजाजत कब मिली और इसे कब झुकाया जा सकता है। 
 
देश की सुरक्षा के लिए हुए शहीदों व देश की महान शख्सियतों के शवों पर भी उन्हें सम्मान देने के लिए तिरंगे को लपेटा जाता है। इस दौरान केसरिया पट्टी वाला हिस्सा सिर की तरफ एवं हरी पट्टी वाला हिस्सा पैरों की तरफ रखा जाता है ताकि सिर से लेकर पैर तक सफेद पट्टी चक्र सहित आए और केसरिया और हरी पट्टी दाएं-बाएं हों। शहीद या विशिष्ट व्यक्ति के शव के साथ ध्वज को जलाया या दफनाया नहीं जाता, बल्कि मुखाग्नि क्रिया से पहले या कब्र में शरीर रखने से पहले ध्वज को हटा लिया जाता है।
 
जब तिरंगा अमानक, बदरंग कटी-फटी स्थिति में हो तो झंडे को फहराया नहीं जाता। अत: जब कभी ध्वज ऐसी स्थिति में हो तो गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ उसे जला दिया जाता है या फिर भारी वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती है। यही प्रकिया पार्थिव शरीरों पर से उतारे गए ध्वजों के साथ भी होती है। 
 
भारतीय संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता है व राष्ट्रीय शोक घोषित होता है, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता है। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा जाता है। जैसे ही उस विभूति का पार्थिव शरीर अंत्येष्टि के लिए बाहर निकाला जाता है, वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता है।
 

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