पृथ्वी की ओर बढ़ा शक्तिशाली सौर तूफान, इंटरनेट-बिजली और मोबाइल नेटवर्क पर खतरा
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 07:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सूरज एक बार फिर उफान पर है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक सूरज से निकले जबरदस्त सौर तूफान अब सीधे पृथ्वी की ओर बढ़ रहे हैं। इससे मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट, सैटेलाइट और बिजली व्यवस्था तक पर असर पड़ सकता है। NASA और वैज्ञानिक एजेंसियां लगातार इस हलचल पर नज़र रख रही हैं। पिछले कुछ दिनों से सूरज के एक सक्रिय क्षेत्र (Active Region) AR4087 में खतरनाक विस्फोट हो रहे हैं। इसे सनस्पॉट AR4087 कहा जा रहा है। यहीं से लगातार X-क्लास सोलर फ्लेयर्स निकल रहे हैं।
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13 मई को पहला बड़ा धमाका हुआ, जिसे X1.2 फ्लेयर कहा गया
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14 मई को इससे भी बड़ा धमाका हुआ — X2.7 फ्लेयर
इन फ्लेयर्स का असर धरती तक पहुंच चुका है और रेडियो कम्युनिकेशन पर इसका असर भी देखा गया है।
कहां-कहां पड़ा असर?
14 मई को आए धमाके के बाद अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया में रेडियो ब्लैकआउट की घटनाएं हुईं। कुछ जगहों पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम और नेविगेशन उपकरणों में गड़बड़ी देखी गई। वैज्ञानिकों के अनुसार अगर ऐसी घटनाएं और बढ़ीं, तो मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट कनेक्शन और GPS जैसी सेवाएं ठप हो सकती हैं।
कितना खतरनाक हो सकता है सौर तूफान?
जब सूरज से तेज़ ऊर्जा वाले कण निकलते हैं और पृथ्वी की चुंबकीय परत (magnetic field) से टकराते हैं, तो उसे जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म कहते हैं। यह तूफान इतना शक्तिशाली हो सकता है कि:
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सेटेलाइट सिग्नल बाधित हो सकते हैं।
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मोबाइल नेटवर्क डाउन हो सकते हैं।
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इंटरनेट कनेक्शन पूरी तरह ठप हो सकता है।
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बिजली ग्रिड फेल हो सकते हैं।
अमेरिका कर रहा है तैयारी
अमेरिका ने इस खतरे को गंभीरता से लिया है। 8 मई को कोलोराडो में एक विशेष स्पेस सिक्योरिटी ड्रिल की गई। इस अभ्यास में 2028 की एक कल्पना की गई, जिसमें एक विशाल सोलर सुपरस्टॉर्म अमेरिका को प्रभावित करता है:
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इंटरनेट पूरी तरह बंद हो जाता है।
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बिजली सप्लाई ठप हो जाती है।
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करोड़ों लोग अंधेरे में फंस जाते हैं।
इस एक्सरसाइज का मकसद यह समझना था कि अगर भविष्य में ऐसा तूफान आए तो कैसे बचाव किया जा सकता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर सूरज इसी तरह सक्रिय रहा, तो आने वाले समय में बड़ा सौर तूफान संभव है। इसलिए आम लोगों को भी सतर्क रहना जरूरी है।
सावधानी के लिए अपनाएं ये उपाय:
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मोबाइल नेटवर्क पर पूरी तरह निर्भर न रहें
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एक बैकअप पावर स्रोत रखें — जैसे पावर बैंक या इन्वर्टर
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एक बैटरी वाला रेडियो रखें ताकि किसी आपात स्थिति में सरकारी चेतावनी मिल सके
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जरूरी डॉक्यूमेंट्स और फाइलों का ऑफलाइन बैकअप बनाएं
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इंटरनेट ठप होने की स्थिति में जरूरी जानकारी पहले से सेव करके रखें
वैज्ञानिक क्या कह रहे हैं?
NASA और NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration) जैसे वैज्ञानिक संगठन लगातार सूरज की गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी और भी फ्लेयर्स आ सकते हैं। हालांकि तूफान का प्रभाव इस पर निर्भर करेगा कि वह पृथ्वी की ओर सीधा आता है या किनारे से गुजरता है।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा।
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1989 में कनाडा के क्यूबेक में एक सौर तूफान से पूरा पावर ग्रिड फेल हो गया था
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2003 में आए "हैलोवीन सोलर स्टॉर्म" ने यूरोप और अमेरिका में सैटेलाइट कम्युनिकेशन ठप कर दिया था