परमाणु बम से भी खतरनाक? जानिए क्यों दुनिया कांपती है क्लस्टर बम के नाम से

punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 03:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनाव में अब एक और खतरनाक हथियार का नाम सामने आ गया है—क्लस्टर बम. इजरायल ने दावा किया है कि 19 जून को ईरान ने उस पर जो मिसाइलें दागीं, उनमें से कम से कम एक मिसाइल के वॉरहेड में क्लस्टर बम मौजूद था. यह गंभीर आरोप इसलिए अहम है क्योंकि इस तरह के बम के इस्तेमाल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोक है.

क्लस्टर बम: एक से सैकड़ों धमाके

क्लस्टर बम, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, कई छोटे बमों का एक समूह होता है. जब इसे दागा जाता है, तो यह हवा में ही कई भागों में बंट जाता है और 1-2 किलोमीटर के दायरे में दर्जनों से लेकर सैकड़ों छोटे धमाके करता है. इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि कुछ बम तुरंत नहीं फटते, और सालों बाद भी फटकर तबाही मचा सकते हैं. यही कारण है कि इन्हें 'लंबे समय तक खतरा' कहकर देखा जाता है.

क्यों होती है परमाणु बम से तुलना?

भले ही क्लस्टर बम परमाणु बम जितनी रेडिएशन या विकिरण वाली तबाही नहीं मचाते, लेकिन इसके विस्तृत और बिखरे हुए असर की वजह से इसकी तुलना परमाणु बम से की जाती है.

तुलना क्लस्टर बम परमाणु बम
विस्फोट का दायरा 1-2 किलोमीटर में कई धमाके 5-10 किलोमीटर में एक भीषण धमाका
रेडिएशन नहीं होता है
तुरंत तबाही मध्यम स्तर की अत्यधिक तबाही
बाकी रह जाने का खतरा अधिक (अनएक्सप्लोडेड बम) नहीं

क्यों लगाए गए हैं प्रतिबंध?

2008 में डबलिन कन्वेंशन ऑन क्लस्टर म्यूनिशन के तहत इस बम पर सख्त अंतरराष्ट्रीय रोक लगाई गई. कारण है इसकी असमान्य विनाशलीला. युद्ध खत्म होने के बाद भी जो बम नहीं फटते हैं, वे आम नागरिकों की जान ले लेते हैं. इससे प्रभावित इलाके में दशकों तक लोग घायल होते रहते हैं.

किन देशों के पास हैं क्लस्टर बम?

हालांकि 108 देश इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं, लेकिन भारत, अमेरिका, रूस, चीन, पाकिस्तान और इजरायल जैसे बड़े देशों ने इस संधि से दूरी बनाई है. इसका मतलब है कि ये देश अब भी क्लस्टर बम रखते हैं या इस्तेमाल कर सकते हैं.

  • कम से कम 75 देश ऐसे हैं जिनके पास अभी भी क्लस्टर बम हैं

  • 34 देश अब तक क्लस्टर बम डिजाइन या निर्माण कर चुके हैं

ईरान-इजरायल विवाद में क्यों आया नाम?

इजरायल का दावा है कि ईरान ने हालिया मिसाइल हमले में क्लस्टर बम का उपयोग किया. यदि यह सच साबित होता है तो यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन होगा. हालांकि ईरान की तरफ से इसपर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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