परमाणु जंग की तैयारी में ईरान ! NPT छोड़ने का दिया संकेत, बढ़ गई दुनिया की टेंशन
punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 05:19 PM (IST)

International Desk: इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य संघर्ष अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। दोनों देशों के बीच चौथे दिन भी मिसाइल और हवाई हमलों का दौर जारी है। इसी बीच, ईरान की ओर से एक ऐसा कदम उठाया जा रहा है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता और तनाव को और बढ़ा दिया है। ईरान अब परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की तैयारी कर रहा है।
ईरान की संसद में प्रस्ताव, NPT से हटने की तैयारी
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई हमने ने सोमवार को घोषणा की कि ईरानी संसद जल्द ही NPT से हटने के लिए एक विधेयक लाने की योजना बना रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान सामूहिक विनाश के हथियारों के खिलाफ है और उनका देश परमाणु हथियार बनाने का पक्षधर नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया कि ईरान न्यूक्लियर एनर्जी और अनुसंधान के अपने अधिकार का पालन करता रहेगा। इससे पहले राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने भी कहा था कि ईरान का इरादा परमाणु हथियार विकसित करने का नहीं है, लेकिन न्यूक्लियर तकनीक और शोध में वह पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने देश के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के उस फतवे को दोहराया जिसमें परमाणु हथियारों के निर्माण को इस्लाम के खिलाफ बताया गया था।
परमाणु स्थलों पर इजरायल के हमले से बढ़ी चिंता
ईरान की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब इजरायल ने उसके कई सैन्य अड्डों के साथ-साथ परमाणु स्थलों पर भी हमले शुरू कर दिए हैं। इजरायल ने इन इलाकों के आसपास रहने वाले लोगों को पहले ही चेतावनी जारी कर दी है कि वे क्षेत्र खाली कर दें। माना जा रहा है कि इजरायल ने ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज की एक लंबी लिस्ट टारगेट के रूप में तैयार की है।
युद्ध के चौथे दिन हालात और बिगड़े
रविवार रात से सोमवार सुबह तक दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइलें बरसाईं। अंतरराष्ट्रीय अपीलों के बावजूद सीजफायर नहीं हुआ। रिपोर्टों के मुताबिक, इजरायल ने अपने हमलों में ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया है। इसके जवाब में ईरान ने तेल अवीव और सेंट्रल इजरायल में बमबारी की। इन हमलों में अब तक ईरान में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इजरायल में 16 लोग मारे गए हैं। इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान की मिसाइल प्रणाली का 30% हिस्सा नष्ट कर दिया है।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम: एक ऐतिहासिक नजर
ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1957 में अमेरिका की मदद से शुरू हुआ था। मूल उद्देश्य ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना था। लेकिन समय के साथ अमेरिका को शक हुआ कि ईरान इस कार्यक्रम का इस्तेमाल हथियारों के लिए कर सकता है। इसके बाद अमेरिका ने सहयोग वापस ले लिया और ईरान पर NPT के उल्लंघन के आरोप लगने लगे। 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से हाथ खींच लिया। इसके बाद से ईरान ने यूरेनियम संवर्धन (enrichment) की प्रक्रिया तेज़ कर दी। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार, ईरान के पास अब इतना संवर्धित यूरेनियम है कि वह कई परमाणु हथियार बना सकता है।
NPT से हटना खतरनाक?
परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया में परमाणु हथियारों का प्रसार न हो। ईरान ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे और यह वादा किया था कि वह परमाणु हथियार नहीं बनाएगा। अगर ईरान अब आधिकारिक रूप से इससे बाहर आता है, तो उसके लिए परमाणु हथियार बनाना आसान हो जाएगा और इससे पश्चिम एशिया में परमाणु युद्ध की आशंका बढ़ सकती है।