ज्यादा नॉन-वेज खाना ब्रेस्ट केंसर को दे रहा बढ़ावा, ICMR की स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 05:50 PM (IST)
नेशनल डेस्क : ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में तेजी से बढ़ती गंभीर बीमारियों में शामिल है और भारत में इसके मामले हर साल बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की हालिया स्टडी चर्चा में है, जिसमें महिलाओं की डाइट और लाइफस्टाइल को ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम से जोड़कर देखा गया है। इस अध्ययन में खासतौर पर खानपान की आदतों, नींद, मोटापे और रोज़मर्रा की जीवनशैली का विश्लेषण किया गया।
नॉन वेज डाइट और ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम
ICMR की स्टडी के अनुसार, जो महिलाएं अधिक नॉन वेज खाती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा दूसरी महिलाओं की तुलना में थोड़ी अधिक देखा गया। स्टडी में कई रिसर्च डेटा को मिलाकर यह निष्कर्ष निकाला गया कि असंतुलित नॉन वेज डाइट, खासकर ज्यादा फैट वाली चीज़ें, स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं।
अध्ययन में यह भी बताया गया कि नॉन वेज के अधिक सेवन के साथ शारीरिक गतिविधि कम होना, नींद पूरी न होना और मोटापे का बढ़ना जोखिम को और बढ़ा सकता है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि नॉन वेज डाइट सीधे ब्रेस्ट कैंसर का कारण नहीं है, बल्कि यह केवल एक जोखिम कारक हो सकता है। सही मात्रा और संतुलन के बिना ली गई डाइट शरीर के हॉर्मोन संतुलन को प्रभावित कर सकती है, जो भविष्य में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ा सकती है।
एक्सपर्ट की राय
आरएमएल हॉस्पिटल की महिला रोग विभाग की डॉ. सलोनी चड्ढा का कहना है कि किसी भी बीमारी को सिर्फ एक कारण से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। ब्रेस्ट कैंसर के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे हॉर्मोनल बदलाव, पारिवारिक इतिहास, उम्र, मोटापा और जीवनशैली।
डॉ. चड्ढा बताती हैं कि नॉन वेज डाइट अपने आप में खतरनाक नहीं है, लेकिन अगर इसमें संतुलन न हो और ज्यादा तला-भुना या प्रोसेस्ड मांस लिया जाए, तो स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए डाइट में फल, सब्ज़ियां, फाइबर और पर्याप्त पोषण शामिल करना जरूरी है। साथ ही, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम से बचाव के उपाय
संतुलित और पौष्टिक डाइट का सेवन करें।
नॉन वेज सीमित मात्रा में और हेल्दी तरीके से खाएं।
तली-भुनी और प्रोसेस्ड चीज़ों से दूरी बनाएं।
नियमित व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें।
वजन कंट्रोल में रखें।
पूरी नींद लें और तनाव कम करें।
समय-समय पर हेल्थ चेक-अप कराएं।
