क्या सच में आधी दुनिया को तबाह कर सकता है पाकिस्तान का परमाणु हथियार? जानिए उसकी ताकत और हकीकत

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 01:27 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: हाल ही में अमेरिका के फ्लोरिडा में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के बयान ने खूब सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने धमकी दी कि अगर भारत के साथ युद्ध में पाकिस्तान का अस्तित्व खतरे में आया तो वह आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेगा। इसके साथ ही उन्होंने भारत के सिंधु नदी पर बनाए जाने वाले किसी भी बांध को मिसाइल से नष्ट करने की बात भी कही। इन बयानों ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। लेकिन सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान के पास ऐसी ताकत है कि वह अपने इस दावे को सच कर सके? इसके लिए हमें पाकिस्तान की परमाणु क्षमता को विस्तार से समझना होगा।

पाकिस्तान के पास कितने परमाणु हथियार हैं?

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु वॉरहेड्स हैं, जबकि भारत के पास लगभग 172 हैं। हालांकि पाकिस्तान लगातार फिजाइल मटीरियल और डिलीवरी सिस्टम को बेहतर बना रहा है, उसकी परमाणु नीति अभी भी अस्पष्ट है। खास बात यह है कि पाकिस्तान ने “नो फर्स्ट यूज” नीति का कोई वादा नहीं किया है, जिससे उसकी परमाणु रणनीति पर सवाल उठते हैं।

पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता की असली हकीकत क्या है?

पाकिस्तान की सबसे लंबी दूरी वाली मिसाइल शाहीन III है जिसकी रेंज करीब 2,775 किलोमीटर है। यह मिसाइल भारत, मध्य पूर्व और पूर्वी यूरोप के कुछ हिस्सों तक पहुंच सकती है। इसके अलावा पाकिस्तान के पास अबाबील, गोरी II, फतेह II और बाबर III जैसी मिसाइलें हैं जिनकी अधिकतम रेंज 2,500 किलोमीटर से अधिक नहीं है। लेकिन पाकिस्तान के पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) नहीं है, जो उत्तरी अमेरिका या पश्चिमी यूरोप तक पहुंच सके। साथ ही पाकिस्तान की समुद्री परमाणु क्षमता भी पूरी तरह विकसित नहीं हुई है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान की परमाणु पहुंच मुख्य रूप से क्षेत्रीय स्तर तक ही सीमित है।

आधी दुनिया को तबाह करने की धमकी: कितनी सच्चाई?

सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान के बयान अधिकतर राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक दबाव पैदा करने के लिए होते हैं। तकनीकी और भौगोलिक सीमाओं को देखते हुए आधी दुनिया को तबाह करने जैसा दावा फिलहाल संभव नहीं है। पाकिस्तान के परमाणु हथियार मुख्य रूप से भारत के लिए खतरा हैं और उसकी रणनीति क्षेत्रीय रक्षा तक सीमित है। इसलिए फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का बयान ज़्यादातर बयानबाजी है न कि वास्तविक सैन्य क्षमता का परिचायक।

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और वैश्विक चिंता

भारत ने पाकिस्तान के इन बयानों को बेहद गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान की सेना और आतंकवादी संगठनों के बीच गहरी साठगांठ है, जिससे परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता बनी रहती है। इसके अलावा पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने भारत के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी को भी धमकी दी है, जो पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है। इस तरह की बयानबाजी न केवल भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ाती है बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है।

पाकिस्तान की परमाणु नीति: अस्पष्टता बनी चुनौती

पाकिस्तान की परमाणु नीति स्पष्ट नहीं है और उसने कभी “नो फर्स्ट यूज” नीति अपनाई नहीं है। इसका मतलब है कि वह परमाणु हथियारों का पहला इस्तेमाल कर सकता है। यह रणनीति क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही है। दूसरी ओर, भारत ने हमेशा “नो फर्स्ट यूज” नीति अपनाई है, जिससे उसका मकसद केवल रक्षा करना है। पाकिस्तान की अस्पष्ट नीति से न केवल भारत बल्कि वैश्विक समुदाय भी चिंतित है।

क्या पाकिस्तान का दवा सिर्फ बयानबाजी है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान की परमाणु क्षमता क्षेत्रीय सीमाओं तक सीमित है। आधी दुनिया को तबाह करने की धमकी केवल राजनीतिक बयानबाजी है, जिससे मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जाता है। हालांकि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन वे पूरी दुनिया को तबाह करने की क्षमता नहीं रखते। इसके बावजूद ऐसे बयानों से क्षेत्रीय तनाव बढ़ता है और वैश्विक शांति पर खतरा मंडराता है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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